नई दिल्ली। रणजी ट्रॉफी 2018-19 का रण सज चुका है। इस बीच एक खबर आ रही है कि इस बार इस टूर्नामेंट में बाप-बेटे का आमना-सामना हुआ है। ये बात सच है कि इस बार रणजी ट्रॉफी में बाप-बेटे आमने-सामने हैं लेकिन दोनों पर अलग-अलग जिम्मेदारी है। एक मुंबई की टीम का बल्लेबाज है तो दूसरा रेलवे की टीम के मेंटॉर की भूमिका में नजर आ रहा है।
बाप ने बनाई रणनीति
दरअसल, ये संयोग सिद्धेश लाड और उनके पिता दिनेश लाड के बीच आया है। सिद्धेश लाड जहां मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं। वहीं, उनके पिता दिनेश लाड जिन्होंने रोहित शर्मा और शार्दुल ठाकुर जैसे क्रिकेटरों को कोचिंग दी है वे रेलवे रणजी टीम के मेंटॉर हैं। पिता अपने बेटे के लिए और उनके खिलाफ रणनीति बनाते नज़र आ रहे हैं। पिता ने बेटे को दिल्ली में खेले जा रहे इस मुकाबले के लिए मास्क दिलाया था।
शतक बनाने से चूके सिद्धेश
वहीं, दूसरी और अपने मेंटॉर का कर्तव्य निभाते हुए उन्हें शतक बनाने से रोक दिया। रणजी ट्रॉफी के बीच हुए इस संयोग को लेकर बेटे सिद्धेश लाड का कहना है, "उन्होंने मुझे रणजी टॉफी के मैचों में बल्लेबाजी करते कम ही देखा है। इसलिए मैंने निर्णय लिया कि मैं उनकी टीम के खिलाफ बल्लेबाजी करूं। मैं इस मौके का लंबे समय से इंतजार कर रहा था। जैसे कि मैंने विजय हजारे ट्रॉफी में बल्लेबाजी की।"
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26 वर्षीय सिद्धेश ने आगे कहा, "जब आप किसी सीजन की शुरुआत में अच्छी पारी खेलते हो तो आपका विश्वास आप पर दोगुना हो जाता है। इसलिए मैं इस पारी को अपनी सबसे अच्छी पारियों में गिनती करूंगा।" बता दें कि सिद्धेश रणजी ट्रॉफी के अपनी टीम के पहले मुकाबले में 99 रन पर आउट हो गए । इस बात को लेकर पिता दिनेश लाड ने कहा, "सिद्धेश की पारी देखकर अच्छा लगा। परिस्थितियां खराब थीं फिर भी उसने अच्छा किया, मैं उससे दोहरे शतक की उम्मीद करता हूं।"