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10 महीने ही BCCI अध्यक्ष बनेंगे गांगुली, फिर बंगाल चुनाव में होंगे भाजपा का चेहरा?

नई दिल्ली: सौरव गांगुली बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बनने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। 23 अक्टूबर को औपचारिक तौर पर गांगुली के नाम की घोषणा हो जाएगी। गांगुली के अध्यक्ष पद के साथ ही बीसीसीआई में अन्य कई अहम पदों पर भी नियुक्तियां तय हुई हैं। बीसीसीआई में अहम पदों पर काबिज होने वाले व्यक्तियों में गांगुली के अलावा अमित शाह के बेटे जय शाह (जो सचिव बनेंगे), जयेश जॉर्ज (बीसीसीआई संयुक्त सचिव बनेंगे), अरूण धूमल (कोषाध्यक्ष बनेंगे) आदि शामिल हैं। इन सबसे इतर गांगुली की नियुक्ति इसलिए भी खास है क्योंकि बीसीसीआई में पहले काम कर चुके अनेकों ताकतवर प्रशासकों ने साथ मिलकर एक व्यक्ति को टॉप पॉजीशन के लिए आगे बढ़ाया है।

अध्यक्ष पद के बाद क्या कहते हैं नए समीकरण-

अध्यक्ष पद के बाद क्या कहते हैं नए समीकरण-

इनमें चाहे एन श्रीनिवासन हो या राजीव शुक्ला या फिर निरंजन शाह, गांगुली एक ऐसी शख्सियत के तौर पर उभरे हैं जिन्होंने ना केवल विभिन्न पृष्ठभूमि के ताकतवर प्रशासकों के साथ एकजुटता बनाए रखी बल्कि सत्तारुढ़ पार्टी भाजपा के साथ भी अच्छे समीकरण कायम किए हैं। गांगुली ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शनिवार को मुलाकात भी की थी। इसके अलावा भाजपा के एक अन्य कद्दावर नेता अनुराग ठाकुर और हिमांत बिस्वा शर्मा ने भी गांगुली की मदद की है। मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार शर्मा ने अनुराग ठाकुर और श्रीनिवासन से गांगुली के लिए पैरवी करने में अहम भूमिका निभाई है। ऐसे में जबकि बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली का कार्यकाल केवल 10 महीने का ही होगा तो फिर यह जानने की उत्सुकता उठने लगी है कि गांगुली इसके बाद क्या बड़ा करने जा रहे हैं।

क्या बंगाल चुनाव में भाजपा का चेहरा होंगे गांगुली?

क्या बंगाल चुनाव में भाजपा का चेहरा होंगे गांगुली?

फिलहाल भाजपा और गांगुली के बीच क्या चल रहा है इसको लेकर केवल कयास ही लगाए जा सकते हैं। यहां तक की अनुराग ठाकुर और शर्मा भी अभी इस बात का जवाब नहीं दे सकते हैं। लेकिन अंदरुनी तौर पर इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि गांगुली 2021 में बंगाल चुनाव में भाजपा का चेहरा हो सकते हैं। एक समय भाजपा का बंगाल में कोई जनाधार नहीं होता था लेकिन पिछले कुछ सालों में परिस्थितियां तेजी से बदली हैं। जब गांगुली से बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया, 'अभी तक कोई राजनीतिज्ञ मेरे संपर्क में नहीं है, फिलहाल यही मामला है। जहां तक ममता दीदी की बधाई का सवाल है तो मैं इस पर बहुत खुश हूं।'

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अध्यक्ष बनकर 'दादा' को नफा कम नुकसान ज्यादा-

अध्यक्ष बनकर 'दादा' को नफा कम नुकसान ज्यादा-

बता दें कि नए नियमों के हिसाब से गांगुली ने 10 महीने के लिए ही बीसीसीआई अध्यक्ष पद स्वीकार किया है क्योंकि अगले साल सितंबर में कूलिंग पीरियड शुरू हो जाएगा। ऐसे में गांगुली ने काफी कुछ दांव पर लगाकर ये पद ग्रहण किया है। उन्होंने मीडिया कॉन्ट्रेक्ट, कमेंट्री, विज्ञापन और कोचिंग अनुबंध से 7 करोड़ रुपए की कमाई छोड़ी है। नियमों के मुताबिक गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने के बाद इनमें से किसी तरह की गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। यानी मामला साफ है कि गांगुली के लिए यहां पर खाने के लिए ज्यादा और पाने के लिए कम है। ऐसे में चर्चाएं चल रही हैं कि गांगुली वेस्ट बंगाल के मुख्यमंत्री दावेदार के तौर पर भाजपा की लीडरशिप का न्यौता स्वीकार कर सकते हैं।

Story first published: Tuesday, October 15, 2019, 13:10 [IST]
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