नई दिल्ली: टीम इंडिया में इस समय 'कोच कौन बनेगा' सुर्खियों में छाया हुआ है। जबसे विराट कोहली से सार्वजनिक तौर पर रवि शास्त्री को फिर से कोच बनाए जाने की वकालत की है तब से यह मामला कहीं अधिक दिलचस्प बन गया है। सीओए और सीएसी पहले ही साफ कर चुके हैं कि कोचिंग के मसले पर कप्तान से कोई इनपुट नही लिया जाएगा। कई लोगों का यह भी मानना है कि कोहली को सरेआम शास्त्री की तरफदारी करने से बचना चाहिए था। इस मसले पर घिरते जा रहे कोहली का बचाव भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने किया है।
गांगुली जो खुद भी क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य रह चुके हैं, ने कहा- 'वह (कोहली) कप्तान हैं। उनको यह कहने (कोच के बारे में) का पूरा अधिकार है।' बता दें कि रवि शास्त्री को गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति ने ही कोच चुना था। इस बार इस समिति की अध्यक्षता कपिल देव कर रहे हैं और उनके साथ बाकी के दो सदस्यों के रूप में अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी हैं। यह समिति पहले ही महिला टीम के लिए वी रमन के रूप में हेड कोच चुन चुकी है और अब अगस्त के मध्य तक पुरुष टीम का हेड कोच भी चुन लिया जाएगा।
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गांगुली ने इसके अलावा डोपिंग टेस्ट में फेल पाए गए पृथ्वी शॉ के ऊपर भी बात की। शॉ पर बीसीसीआई ने 8 महीने का प्रतिबंध लगाया है। शॉ ने कहा था कि उन्होंने एक कफ सिरप ली थी । उसी सिरप के जरिए शॉ के शरीर में प्रतिबंधित पदार्थ पहुंचा था। गांगुली ने इस पर बात करते हुए कहा- 'एक कफ सिरफ में अलग-अलग तरह के पदार्थ हो सकते हैं। मुझे पक्के तौर पर नहीं पता कि शॉ के साथ क्या घटित हुआ है।'
इसी बीच टीम इंडिया के मुख्य कोच को चुनने वाली समिति खुद हितों के टकराव के मामले पर क्लीन चिट नहीं ले पाई है। ऐसे में कोच को चुनने की प्रक्रिया थोड़ी लेट भी हो सकती है। इस बात की जानकारी खुद सीओए के टॉप सूत्र ने दी है।