नई दिल्ली: यूएनजीए में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भाषण देते हुए हाल ही में जो नफरत और धमकी भरी भाषा इस्तेमाल की है उसके चलते उनकी साख पर तेजी से बट्टा लगा है। देश-दुनिया में अपनी इस विवादित स्पीच के लिए आलोचना का शिकार बने इमरान को भारतीय क्रिकेटरों ने भी जमकर लताड़ लगाई है। सोशल मीडिया पर इमरान की हरकत वायरल होने के बाद भारतीय क्रिकेटरों मोहम्मद शमी, हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग आदि ने इमरान की आलोचना की थी। अब भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने इमरान खान की स्पीच पर हैरानी जताई है।
सहवाग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर इमरान खान की वीडियो ट्वीट करते हुए बताया था कि कैसे अमेरिका एंकर खान की बेज्जती कर रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा- कुछ दिनों पहले यूएन में बकवास भाषण के बाद लगता है कि इस इंसान ने अपने आप को बेइज्जत करने के नए-नए तरीके निकाले हैं।'
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सहवाग द्वारा ट्वीट की गई इस वीडियो को सौरव गांगुली ने भी देखा है और वे इस पर हैरान हैं। गांगुली ने कहा, 'वीरू...मैंने इसको देखा और मैं हैरान हूं..एक ऐसी अनसुनी स्पीच..जब दुनिया को शांति की जरूरत है, खासकर पाकिस्तान को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, तब एक लीडर ऐसा बकवास भाषण दे रहा है.. यकीनन, यह वह क्रिकेटर इमरान खान नहीं हैं जिन्हें दुनिया जानती थी। यूएन में दी गई स्पीच बकवास थी।'
Viru .. I see this and I am shocked ..a speech which is unheard of .. a world which needs peace ,pakistan as a country needs it the most .. and the leader speaks such rubbish ..not the Imran khan the cricketer world knew ..speech in UN was poor ..
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) October 3, 2019
टीम इंडिया के प्रमुख पेसर मोहम्मद शमी ने अपनी आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 2 अक्टूबर के दिन महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए इमरान को नसीहत दी- "महात्मा गांधी ने अपना जीवन प्रेम, सद्भाव और शांति के संदेश को फैलाने में बिताया है। संयुक्त राष्ट्र के मंच से इमरान खान ने खतरे और घृणा की बात की। पाकिस्तान को एक ऐसे नेता की जरूरत है जो नौकरियों और आर्थिक विकास की बात करे, न कि आतंकवाद और युद्ध की।"
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बता दें कि अपने UNGA भाषण के दौरान, इमरान खान ने कहा था, "यदि दोनों देशों के बीच एक पारंपरिक युद्ध शुरू होता है, तो कुछ भी हो सकता है। एक देश जो अपने पड़ोसी मुल्क से सात गुना छोटा है वह क्या करेगा - या तो आत्मसमर्पण करें या अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़े। मेरा विश्वास है कि हम लड़ेंगे और जब परमाणु-हथियार संपन्न देश अंत तक लड़ता है, तो यह सीमाओं से भी बहुत दूर चला जाता है। यह एक खतरा नहीं है, लेकिन इस बात की चिंता करें कि हम कहां जा रहे हैं। यदि कुछ गलत हो जाता है, तो आप आशा तो सर्वश्रेष्ठ के लिए करते हैं लेकिन हो सबसे बुरा जाता है।'