नई दिल्ली। दिग्गज स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन के खिलाफ जिस तरह से श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने जुर्माना ठोंकते हुए उन्हें नोटिस भेजा है उसने मुरलीधर का पारा बढ़ा दिया है। मुथैया मुरलीधरन ऑस्ट्रेलिया की टीम के साथ बतौर कंसल्टेंट काम कर रहे हैं, उनपर आरोप लगा है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले जबरन मैदान में बिना इजाजत ना सिर्फ घुसे बल्कि उसका स्वरूप भी बदलने की कोशिश की।
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श्रीलंका बोर्ड के अध्यक्ष थिलंगा सुमथीपाला ने मुरली पर आरोप लगाया है कि मुरली जबरन पल्लेकेले मैदान में गये जहां पला टेस्ट मैच खेला जाना है। लेकिन मुरली ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है। मुरली ने कहा कि मैंने पिच पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की है और मुझपर निराधार आरोप लगाये गये हैं।
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की टीम के साथ मैं दस दिन के लिए बतौर सलाहकार जुड़ा था। उन्होंने कहा कि अगर मेरे देश में मुझसे मेरी सेवाओं को देने के लिए कहा जाएगा तो मैं ऐसा करने में खुश हुंगा। मुरली ने कहा कि उन्हें कभी भी आधिकारिक तौर पर उनकी सेवायें देने के लिए नहीं कहा गया।
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यही नहीं उन्होंने कई पूर्व खिलाड़ियों को सही तरीके से प्रयोग नहीं किये जाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि क्या हुआ मर्वन अटापट्टू, चामिंडा वास, चंडिका, उपुल चंदाना के साथ। इन लोगों के सेवायें कुछ दिन तक लेने के बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। मुरली ने कहा कि श्रीलंका बोर्ड विदेशी कोच को ही रखना चाहता हैं और उन्हें डॉलर में भुगतान करना चाहता है।