बैंगलोर। भारत के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर लगातार टेस्ट क्रिकेट में बेहतर स्कोर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, शायद इसी दबाव में उन्होने ऐसा बयान दिया, जिससे कि वह विवादों के घेरे में आ गये। कर्नाटक राज्य क्रिकेट एशोसिएशन के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर सचिन ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के टीम इंडिया में चयन का पैमाना सिर्फ उसके द्वारा बनाये गये रन ही नहीं होने चाहिए, बल्कि ये भी देखा जाना चाहिए कि उस खिलाड़ी में दबाव में खेलने की कितनी क्षमता है और उसमें अन्य क्या योग्यताएं हैं। सचिन ने कहा कि घरेलू क्रिकेट में बहुत अधिक रन बनाना ही किसी भी खिलाड़ी को बेहतर साबित नहीं करता है। मैंने अपने क्रिकेट करिअर में कई बार देखा है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छा खेलने वाले खिलाड़ी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उतने सफल नहीं हो सके हैं।
इस बयान के बाद सचिन विवादों में आ गये हैं। गौरतलब है कि वनडे से सन्यास ले चुके सचिन पर टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का दबाव भी बनाया जा रहा है। उन्होने टेस्ट की पिछली 23 पारियों में सिर्फ तीन अर्द्धशतक ही लगाये हैं, इसके बावजूद वह टीम में बने हुए हैं। उन्होने टेस्ट क्रिकेट में अपना पिछला शतक दक्षिण अफ्रीका दौरे पर 2011 में लगाया था। पिछली दस पारियों में उनका औसत भी 25 से नीचे है।
कयास लगाये जा रहे थे कि सचिन, दक्षिण अफ्रीका दौरे के बाद टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह देंगे लेकिन उनके इस बयान से जाहिर होता है कि वह अभी और खेलना चाहते हैं। जबकि पिछली कई पारियों में वह जिस तरह से आउट हुए हैं, उससे उनके खेल पर उनकी उम्र का असर दिखता है। सचिन अब तक 198 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
सचिन के समकालीन राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण खेल को अलविदा कह चुके हैं।