नई दिल्ली। बिग बाॅस-12 के सीजन में दूसरे स्थान पर रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस श्रीसंत ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी बात रखते कहा कि वह फिक्सिंग में शामिल ना होने की जिद्द पर अड़े हुए थे। श्रीसंत ने फोन पर हुई रिकाॅर्डिंग का हवाला देते हुए कहा कि बीसीसीआई द्वारा उनके ऊपर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को चुनौती दी है। श्रीसंत के मुताबिक, रिकॉर्डिग में उन्होंने कहा है, 'मैं जिद्दी हूं और कुछ भी नहीं होगा।'
इस पर श्रीसंत ने कहा, 'मेरे ऊपर गंभीर आरोप लगाए गए थे। मुझे सबसे गंभीर अपराध का दोषी ठहराया गया, लेकिन सबूत का स्तर कम से कम गंभीर अपराध वाला है।' श्रीसंत ने बीसीसीआई द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। केरल उच्च न्यायालय ने भी बीसीसीआई के फैसले को बरकरार रखा था। श्रीसंत ने 30 जनवरी को पिछली सुनवाई में अदालत को बताया था कि सट्टेबाजों ने उन्हें स्पॉट फिक्सिंग में घसीटने की कोशिश की थी, लेकिन वह इसमें फंसे नहीं थे।
श्रीसंत का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील सलमान खुार्शीद ने पीठ को बताया कि प्राथमिक जांच की रिपोर्ट उन्हें नहीं दी गई। इसके जवाब में अदालत ने कहा कि उनके पास अन्य सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट पहुंची थी। खुर्शीद ने कहा कि उनके पास रिपोर्ट थी, लेकिन बीसीसीआई द्वारा उन्हें यह नहीं बताया गया था कि रिपोर्ट का कौन-सा हिस्सा उनके खिलाफ था। अदालत को बताया गया कि किसी भी स्तर पर बीसीसीआई ने उनसे यह नहीं पूछा था कि कथित सामग्री के बारे में उनका क्या कहना है, जिसमें उनके खिलाफ कथित तौर पर 10 लाख रुपए की पेशकश शामिल है।
बता दें कि आईपीएल 2013 में श्रीसंत पर एक मैच के दाैरान जान-बूझकर नो बाॅल फेंकने के आरोप लगे थे। इसके बाद बीसीसीआई ने उनपर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि पहले केरल हाईकोर्ट ने उन्हें खेलने की अनुमति दे दी थी, लेकिन बाद में बीसीसीआई ने केरल हाईकोर्ट का विरोध किया। इसके बाद फिर केरल हाईकोर्ट की ही एक बैंच ने बीसीसीआई द्वारा लगाए गए बैन को बरकरार रखा था। श्रीसंत अभी भी बीसीसीआई के फैसले को चुनाैती देने में लगे हैं।