दिमाग में थी मिली हार
2003 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 125 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। श्रीसंत के दिमाग में भारत की यह शर्मनाक हार लंबे समय तक ताजा रही थी। श्रीसंत ने कहा कि उस हार के बाद वो सच में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेटरों को जान से मारना चाहते थे। श्रीसंत ने कहा, 'मुझे याद है कि मैं मैथ्यू हेडन को यॉर्कर गेंद फेंकना चाहता था लेकिन उसने पहली ही गेंद पर चौका जड़ दिया था। अगर आप उस मैच को देखेंगे तो आपको नजर आएगा कि मैं उस मैच में काफी पैशन के साथ खेल रहा था। मैं बस ऑस्ट्रेलिया को हराना चाहता था। जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने 2003 में वर्ल्ड कप फाइनल में भारत को हराया था, वो हमेशा से मेरे दिमाग में था। मैं उनको जान से मारना चाहता था।'
फिर श्रीसंत ने 2007 में की शानदार गेंदबाजी
श्रीसंत ने आगे कहा, 'मुझे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर बहुत गुस्सा आता था। मैं गर्व महसूस करता हूं और भगवान को शुक्रिया कहता हूं कि उस मैच में(2007 में सेमीफाइनल मैच में) हर किसी ने मेरी गेंदबाजी की बात की थी। मैंने अपने देश के लिए उस मैच में सबसे अच्छी गेंदबाजी की थी। मैंने काफी डॉट बॉल्स फेंकी थीं। मुझे अभी भी याद है उस मैच में मैंने दो चौके दिए थे और कुल मिलाकर 12 रन ही खर्चे थे।'
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ऐसा रहा था मैच
बता दें कि सेमीफाइनल मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में पांच विकेट पर 188 रन बनाए थे। युवराज सिंह ने 30 गेंद पर 70 रन ठोके थे, जबकि महेंद्र सिंह धोनी ने 18 गेंद पर 36 रन ठोके थे। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 5 ओवर में 36 रन बनाकर अच्छी शुरुआत की थी। श्रीसंत ने गिलक्रिस्ट और हेडन दोनों को आउट किया था। गिलक्रिस्ट 22 और हेडन 62 रन बनाकर आउट हुए थे। भारत ने मैच 15 रन से जीता था।