मुरलीधरन के लिए रोमांचक अनुभव रहा आईपीएल-
टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने के रिकॉर्डधारी मुरलीधरन ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बात करते हुए सीएसके के बारे में बात की, कैसे वे 2008 में आईपीएल की नीलामी में आए, और कैसे आईपीएल युवाओं को सर्वश्रेष्ठ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी क्षमता दिखाने का अवसर देता है।
लेकिन कई बार अच्छा प्रदर्शन करके भी कुछ खिलाड़ी टीम संयोजन और प्लेइंग कंडिशन के कारण अंतिम इलेवन में जगह नहीं बना पाए।
मुरली ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे उन्होंने टी 20 प्रारूप के नएपन के कारण खिलाड़ियों को सलाह देने की जिम्मेदारी जोड़ी थी।
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आईपीएल में आपके प्लेइंग 11 में होने की गारंटी नहीं-
मुरली ने कहा, "अतिरिक्त जिम्मेदारी थी। मैं उस समय वनडे और टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक गेंदबाज था। लेकिन टी20 अचानक शुरू हो गया और मैं इससे पहले लंकाशायर में खेल चुका हूं। मैंने 2005 में वहां वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन खुद को साबित करने के लिए दबाव था और मुझे लगता है कि मेरा नाम दूसरे प्रारूप में गेंदबाजी के लिहाज से बड़ा था। क्या मैं इस प्रारूप में भी वैसा कर सकता हूं, यह भी एक प्रश्न चिह्न था। मेरे लिए यह प्रदर्शन करने और टीम में बने रहने के लिए एक अतिरिक्त दबाव था। "
श्रीलंका के पूर्व स्पिनर ने यह भी बताया कि एक समय में सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों के खेलने के कारण हमेशा टीम में रहना कितना चुनौतीपूर्ण था।
"मेरे लिए, यह एक चुनौती थी क्योंकि केवल चार खिलाड़ी ही टीम में आ सकते थे और इसलिए मेरे दिमाग में ये सब फैक्टर थे। लेकिन मैंने उस दबाव को बहुत अच्छी तरह से लिया और वास्तव में अच्छा किया। इसलिए मुझे पहले की तरह ड्रॉप नहीं किया जाता था। मैं एक बार बाहर हो गया क्योंकि टीम ऑलराउंडर को लेना चाहती थी। मैं इस सब से नाराज नहीं था क्योंकि वे टीम संयोजन के बारे में सोच रहे थे।
मुरलीधरन ने बताई आईपीएल की खूबसूरती-
मुरली ने कहा कि ऐसे मौके भी आए जब वे अंदर-बाहर होते रहे लेकिन उनके मुताबिक उनको वास्तव में कभी बुरा नहीं लगा और यह सिर्फ टीम के लिए था।
मुरली इस पर कहते हैं, "मुझे इसकी उम्मीद थी और यही आईपीएल की खूबसूरती है। अपने देश में आप जानते हैं कि आप निश्चित रूप से खेलेंगे। लेकिन आईपीएल में आप भले ही कितने भी अच्छे क्यों न हों, आपको बेंच पर बैठना पड़ता है।"
आईपीएल में ऐसा डेल स्टेन के साथ भी हो चुका है जिनको शुरुआत में भरपूर मौके मिले लेकिन बाद में बेंच पर ही बैठना पड़ा। स्टेन इससे तंग आ गए थे और उन्होंने कहा था कि वे आईपीएल में भाग लेना चाहते हैं लेकिन बेंच पर बैठना नहीं चाहते।