हमेशा किया अंडररेट पर दर्ज है बड़े रिकॉर्ड
उपुल चंदाना श्रीलंकाई क्रिकेट के उन खिलाड़ियों में से एक रहे जिन्हें हमेशा कमतर आंका गया, हालांकि अपने प्रदर्शन के दम पर उन्होंने कई बार लोगों को गलत साबित किया। बावजूद इसके इस खिलाड़ी को लगभग भुला दिया गया है।
उन्होंने 16 टेस्ट मैच में 41.5 की औसत से 1535 रन बनाये जबकि 147 वनडे मैच में 31.7 की औसत से 4818 रन अपने नाम किये। इस दौरान उन्होंने 37 टेस्ट और 151 वनडे विकेट भी हासिल किये।
अतंर्राष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा चंदाना ने घरेलू क्रिकेट में कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किये। घरेलू स्तर पर चंदाना ने 147 फर्स्ट क्लास, 258 लिस्ट ए और 12 टी20 मैच खेलकर लगभग 10 हजार रन (9832) बनाने का कारनामा किया और साथ ही लगभग 800 विकेट (791) भी चटकाये। उनका प्रदर्शन उनकी क्षमता का गवाह है, हालांकि वह अतंर्राष्ट्रीय क्रिकेट में इस प्रदर्शन को दोहरा नहीं सके।
अब पेट पालने के लिये चला रहे स्पोर्टस की दुकान
साल 2007 में श्रीलंकाई क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद उपुल चंदाना के लिये परिवार का पालन पोषण कर पाना सबसे बड़ी चुनौती साबित हुआ। यूं तो खिलाड़ी संन्यास के बाद कोचिंग या फिर क्रिकेट एक्सपर्ट के रूप में किस्मत आजमाते हैं लेकिन चंदाना को अपने परिवार का पालन करने के लिये एक स्पोर्टस मटेरियल की दुकान खोलनी पड़ी। मौजूदा समय में वो श्रीलंका में ही स्पोर्टस की दुकान चला रहे हैं।
उपुल चंदाना ने ऐसे खोली दुकान
उपुल चंदाना ने साल 2007 में बीसीसीआई से बागी होकर शुरु की गई इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) में बंगाल टाइगर्स की टीम से हिस्सा लिया था जिसमें उन्हें 60 हजार डॉलर्स की रकम मिली थी। इसी पैसे से चंदाना ने दुकान खोली। इस बारे में बात करते हुए चंदाना ने यह भी बताया था कि बचपन में उन्हें सारा सामान नहीं मिल पाने की वजह से ही वह एक स्पोर्टस दुकान खोलना चाहते थे, आज वही दुकान उनका परिवार पाल रही है।
उपुल चंदाना ने 1994 में श्रीलंका क्रिकेट टीम के लिये अपना डेब्यू किया था और 13 सालों तक अपने देश के लिये क्रिकेट खेला। इस दौरान वह बल्ले और गेंद से टीम के लिये काफी उपयोगी साबित हुए। उपुल चंदाना ने अपने करियर के दौरान कई शानदार पारियां खेली और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वह टीम के लिये मध्यक्रम में अच्छी बल्लेबाजी करने के साथ ही स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते थे। हालांकि इन सबके बीच वह अपनी जबरदस्त फील्डिंग के लिये भी काफी मशहूर थे।