बताई धोनी की सबसे बड़ी ताकत
बद्रीनाथ को आईपीएल में चाैथे या पांचवें नंबर पर खेलने का माैका मिलता था। उन्होंने एक बेवसाइट को दिए इंटरव्यू के दाैरान चेन्नई के साथ बिताए अपने समय को लेकर कहा, ''धोनी हमेशा जानते थे कि मेरा रोल काफी महत्वपूर्ण था। मैंने कई माैकों पर टीम को मुश्किल दौर से बाहर निकालना था। मेरा रोल मध्यक्रम में था। धोनी की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह खिलाड़ियों को अतिरिक्त मौका देते हैं। अगर धोनी को लगता है कि बद्री ठीक है तो बद्री वहां रहेगा। एक बार जब वह इसे सही मानते हैं तो आगे की प्रक्रिया पर ध्यान देते हैं। वे कहते हैं कि मैं उसे मौका दूंगा, उसे खुद को साबित करने दो।''
अगर धोनी ने आपको अच्छा नहीं माना तो...
धोनी की तारीफ करते हुए बद्रीनाथ ने आगे कहा, ''उसी तरह, अगर वो एक बार मान ले कि आप बहुत अच्छे नहीं हैं तो भगवान भी आपकी मदद नहीं कर सकता है। उनका एक अपना तरीका है और वे उस पर डटे रहते हैं, चाहे नतीजा कुछ भी हो।'' टीम मैनेजमेंट को लेकर बद्रीनाथ ने कहा, ''चाहे हमारा प्रदर्शन कैसा भी रहा हो, मालिकों ने हमेशा सही व्यवहार किया है। हमारी टीम का माहौल बेहतरीन है। बॉस कहते हैं कि आप एक चैंपियन टीम हो। हमारे पास कप्तान के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी है।''
सीखी ये चीज
बद्रीनाथ ने वो बात ऊी बताई जो उन्होंने धोनी से सीखी है। उन्होंने कहा, ''मैंने धोनी से एक बात सीखी है कि अगर कुछ अच्छा हो रहा है तो उसके साथ छेड़छाड़ करना ठीक नहीं है।'' चेन्नई के इस पूर्व क्रिकेटर ने आईपीएल में 95 मैच खेले हैं। इस दौरान 1441 रन बनाए हैं। बद्रीनाथ का औसत 30.65 का रहा है। शुरू में माना जा रहा था बद्रीनाथ टी20 फॉर्मेट में फिट नहीं होंगे, लेकिन उन्होंने 2010 सीजन में और 2011 सीजन में 400 रन बनाए थे। चेन्नई की टीम 2008 के फाइनल में हारी थी। इसके बाद 2009 में सेमीफाइनल तक पहुंची। बद्रीनाथ के रहते पहली बार 2010 में खिताब जीतने में सफल हुई थी।