Sunil Gavaskar: टेस्ट क्रिकेट में रविचंद्रन अश्विन टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हैं, वह ना सिर्फ गेंद से बल्कि बल्ले से भी जबरदस्त योगदान देते हैं। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन्होंने टीम इंडिया के लिए बेहतरीन ऑलराउंडर की भूमिका निभाई है। लेकिन दिग्गज क्रिकेट सुनील गावस्कर का मानना है कि अश्विन वनडे और टी-20 में टीम में वापसी नहीं कर पाएंगे।
आखिरी बार 2017 में थे टीम का हिस्सा
बता दें कि अश्विन आखिरी बार लिमिटेड ओवर में भारत की ओर से 2017 में खेले थे, लेकिन इसके बाद अश्विन और रवींद्र जडेजा सीमित ओवरों के लिए टीम में लंबे समय तक वापसी नहीं कर पाए थे और उनकी जगह युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव ने अपने जबरदस्त प्रदर्शन के दम पर टीम में जगह बनाई थी। हालांकि जडेजा टीम में वापसी करने में सफल रहे लेकिन अश्विन अभी तक सीमित ओवर के लिए टीम में वापसी नहीं कर पाए हैं।
पांड्या-जडेजा बेहतरीन खिलाड़ी
सुनील गावस्कर का मानना है कि सीमित ओवर के लिए टीम में अश्विन फिट नहीं बैठते हैं, जिस तरह की मौजूदा टीम है उसमे जडेजा और हार्दिक पांड्या कहीं बेहतर विकल्प हैं। मुझे लगता है कि अश्विन अब सीमित ओवर के लिए टीम में वापसी कर पाएंगे, भारत को हार्दिक पांड्या के रूप में नंबर सात के लिए बेहतरीन खिलाड़ी मिल गया है जबकि रवींद्र जडेजा भी एक बेहतर विकल्प हैं और तीन तेज गेंदबाजों के साथ टीम एक स्पिन या दो तेज गेंदबाजों के विकल्प के साथ बेहतर दिखती है। लिहाजा मुझे लगता है कि अश्विन मौजूदा वनडे और टी-20 टीम में फिट नहीं बैठते हैं हालांकि वह अगले पांच साल तक टेस्ट टीम में जरूर बने रहेंगे।
सीमित ओवर में अश्विन का प्रदर्शन
सीमित ओवर के मैच में अश्विन के प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने 111 वनडे मैचों में 150 विकेट लिए हैं जबकि 46 टी-20 मैचों में 52 विकेट अपने नाम किए हैं। कोरोना के बाद क्रिकेट की शुरुआत में अश्निन टेस्ट टीम का अहम हिस्सा रहे हैं। चेन्नई में खेले गए टेस्ट मैच में उन्होंने बैट और बॉल दोंनों से जबरदस्त प्रदर्शन किया और उन्हें मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया था। मैच में अश्विन ने शतक लगाने के साथ 8 विकेट भी अपने नाम किए थे।
टेस्ट में अश्विन बेहतरीन
इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज में दोनों ही टीमें अभी 1-1 की बराबरी पर हैं। ऐसे में मोटेरा में खेला जाने वाला तीसरा टेस्ट मैच काफी अहम होनेवाला है। यह मैच डे-नाइट होगा और पिंक गेंद से खेला जाएगा। मोटेरा मेंजीत के साथ भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अपनी जगह बनाने के इरादे से मैदान में उतरेगा। अगर भारत अगले दोनों टेस्ट मैच जीत जाता है तो वो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अपनी जगह बना लेगा। यही नहीं अगर भारत एक मैच जीतता है और एक ड्रॉ भी कर लेता है तो भी भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर लेगा। बता दें कि न्यूजीलैंड पहले ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालिफाई कर चुका है।
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