नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट में मैच फिक्सिंग के जिन्न की घुसपैठ ने एक बार फिर पूरे प्रशासन में तहलका मचा दिया है। ऐसे में पूर्व भारतीय क्रिकेटर और दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी मैच फिक्सिंग पर अपनी बात रखी है। हाल ही में संपन्न हुए तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) और कर्नाटक प्रीमियर लीग (KPL) में मैच फिक्सिंग की खबरें सामने आने के बाद सुनील गावस्कर ने कहा लालच का कोई इलाज नहीं है। स्पोर्टस वेबसाइट क्रिकबज से बात करते हुए सुनील गावस्कर के कहा, 'लालच एक ऐसी बीमारी है जिसे शिक्षा, मार्गदर्शन, सेमीनार या एंटी करप्शन अधिकारी नहीं सुधार सकते। सबसे बेहतर समाज हो या सबसे ज्यादा विकसित समाज, अपराध और अपराधी यहां भी पाये जाते हैं। क्रिकेट में भी आपके पास अलग तरह के लोग होते हैं। जो लालच में आ जाते हैं उनके अपने अलग कारण हो सकते हैं। इन कारणों के आगे झुककर वह खिलाड़ी उस खेल से समझौता कर लेता है जिसे वह प्यार करता है। मैं समझता हूं कि आप इसे कंट्रोल नहीं कर सकते।'
हालांकि सुनील गावस्कर ने यह भी कहा कि अब तकनीक के माध्यम से इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि ऐसे लोग बच नहीं पाएं।
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उन्होंने कहा, 'मैं उन स्थितियों को समझ सकता हूं जहां खिलाड़ी सोचता है कि वह इससे बच निकलेगा, लेकिन आप बच नहीं सकते क्योंकि इसे टीवी पर दिखाया जा रहा है, हर एक छोटी चीज दिखाई जा रही है। आप कुछ गलत करते हैं तो पकड़े जाएंगे।' भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद भी भारत के पूर्व कप्तान को लगता है कि इन टूर्नामेंटस को लोगों का समर्थन हासिल है और यह भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाएंगे।
उन्होंने कहा, 'आप जिलों से आ रही प्रतिभाओं को देखिए। उदाहरण के तौर पर कर्नाटक प्रीमियर लीग, कई लोग राज्य के अंदरुनी इलाकों से आए हैं जिन्हें कर्नाटक के सर्वश्रेष्ठ जौहरी भी शायद नहीं निकाल पाते।'
उन्होंने कहा, 'यही टीएनपीएल और बाकी की अन्य लीगों के साथ है। मुझे लगता है कि यह लीग काफी अच्छी हैं। यह भारतीय क्रिकेट को और ज्यादा प्रतिभाएं दे रही हैं।'
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गौरतलब है कि तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में फिक्सिंग के आरोपों की जांच बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई कर रही है। ऐसे में एसीयू प्रमुख का मानना है कि सट्टेबाजी को वैध करने के अलावा खेलों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आपराधिक आपराध बनाए जाने की जरूरत है।