नई दिल्ली: भारत के पूर्व बल्लेबाजी दिग्गज सुनील गावस्कर ने रविवार को रवि शास्त्री की तारीफ करते हुए कहा है कि जिस तरीके से भारत के पूर्व हेड कोच ने युवाओं में विश्वास दिखाया वह काबिले तारीफ है। इस दौरान पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने भारत के ऐतिहासिक ऑस्ट्रेलिया दौरे को याद किया जहां पर टीम इंडिया ने सभी सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी के बावजूद केवल युवाओं के दम पर ही कंगारुओं को उनकी मांद में घुसकर 2-1 से हराया था।
यह तब की बात है जब पिछले साल दिसंबर में भारतीय टीम पहले टेस्ट मुकाबले में केवल 36 रनों पर ऑल आउट हो गई थी जो कि टेस्ट क्रिकेट में उनका सबसे निचला स्कोर था और इसके बाद कप्तान विराट कोहली भी अपनी बेटी के जन्म के मौके पर भारत वापस चले गए थे। एक के बाद एक खिलाड़ी चोटिल भी होते गए और युवा खिलाड़ी टीम में आते गए जिन्होंने अपने आप को बहुत मुश्किल परिस्थितियों में ना केवल साबित किया बल्कि टीम को जिता कर ही दम लिया।
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हर खिलाड़ी ने अपने रोल को इतनी बेहतरीन तरीके से निभाया कि भारत ने सबसे पहले बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में जीता। उसके बाद सिडनी में एक गेम ड्रा हुआ और फिर ऑस्ट्रेलिया को उसके अभेद किले गाबा में हराकर इतिहास रच दिया गया। स्टार स्पोर्ट्स के साथ बात करते हुए सुनील गावस्कर रवि शास्त्री के प्रसिद्ध शब्दों को याद करते हैं जिन्होंने कहा था कि 'इस 36 को एक बैज की तरह से पहनो।'
सुनील गावस्कर उसके बाद अजिंक्य रहाणे की तारीफ करते हैं कि जिस तरीके से उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में टीम को लीड किया और सभी खिलाड़ियों ने आगे बढ़कर अपना प्रदर्शन किया। गावस्कर कहते हैं कि, हमारी टीम भारत की ए टीम जैसी थी। यह कोई नियमित टीम नहीं थी लेकिन हर खिलाड़ी ने अपना रोल निभाया हर रिप्लेस्ड प्लेयर ने आकर अच्छा प्रदर्शन किया। और इसके बाद जैसे कि मैं कह चुका हूं कि रवि शास्त्री ने युवाओं में जिस तरह का विश्वास दिखाया है वह काबिले तारीफ है।
रवि शास्त्री ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में हार के बाद भारत की हेड कोचिंग का जिम्मा संभाला था और तब से लेकर अब तक भारत काफी आगे बढ़ चुका है। केवल आईसीसी प्रतियोगिताओं में ही टीम इंडिया को सफलता नहीं मिली है।