टी-20 क्रिकेट से गावस्कर को क्यों परहेज नहीं है-
टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन बनाने वाले पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा कि टी-20 क्रिकेट में वे बल्लेबाजों द्वारा लगाए गए नए-नए अविश्वसनीय शॉर्ट्स को देखकर दांतो तले उंगली दबा लेते हैं। सुनील गावस्कर ने एनालिस्ट इनसाइट पॉडकास्ट पर बात की और बताया, "मैं जानता हूं मेरे समय में क्रिकेट खेलने वाले अधिकांश लोग टी20 फॉर्मेट से खुश नहीं है लेकिन मैं तो उसको प्यार करता हूं। मेरा इसको पसंद करने का कारण भी साधारण सा है और वह यह है कि यह 3 घंटे का ही खेल होता है और आपको नतीजा मिल जाता है ,साथ ही आपको कहीं ज्यादा एक्शन भी देखने को मिलता है। जब आप किसी बल्लेबाज को स्विच सीट और रिवर्स स्वीप लगाते देखते हो तो मेरे जैसे आदमी तो अपनी अपनी कुर्सी से भी उठ जाते हैं क्योंकि यह इतने अविश्वसनीय और जबरदस्त शॉट हैं और इनको खेलने के लिए बहुत ही कौशल की जरूरत है और इस प्रकार से छक्का मारना इतना आसान नहीं होता।"
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आज के किस बल्लेबाज की तरह खेलना चाहेंगे गावस्कर-
सुनील गावस्कर T20 बल्लेबाजों के फैन हैं और जब उनसे पूछा गया कि ऐसा कौन आधुनिक बल्लेबाज है जिस की तरह वह खेलना पसंद करेंगे तो गावस्कर ने जो नाम बताया वह बहुत आश्चर्य करने वाला नहीं था। उन्होंने तपाक से जवाब दिया- एबी डी विलियर्स।
"मैं उनकी तरह बल्लेबाजी करना चाहूंगा आप जानते हैं वे 360-degree पर खेलते हैं वह कहीं पर भी खेल सकते हैं। आप उनको तब देखे जब आपके पास नेट है वह चीजों को इतना आसान कर देते हैं। वह काफी लंबी दूरी पर हिट करते हैं और बहुत ही शानदार बल्लेबाज भी हैं। जब वह इस तरह के शॉट लगाते हैं मैं उनके बल्ले के फॉलो थ्रू को पसंद करता हूं जो कि उनके कंधे तक जाता है। वह केवल ताबड़तोड़ बल्लेबाजी नहीं करते बल्कि नजाकत भरे शॉट्स भी लगाते हैं। उनके बल्ले से सीधा पंच नहीं निकलता बल्कि यह एक शानदार क्रिकेट शॉट होता है। मैं उनको बल्लेबाजी करते देखना खूब पसंद करता हूं।"
एबी डिविलियर्स- प्रिंस ऑफ प्रिटोरिया
डिविलियर्स दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज हैं जिनको हाल ही में उनके हमवतन मोर्नी मोर्कल ने प्रिटोरिया का प्रिंस बताया है और कहा है कि उनके साथ रहने का अनुभव बेमिसाल था। वे कहते हैं कि राजा के साथ रहने की बात ही अलग थी। वे यू-ट्यूब पर एक चैनल से बात करते हुए बताते हैं, "हम जिन तीन वर्षों तक साथ रहे, उनकी बात यह थी कि हम खेल को जीते थे, खेल को ही सांस लेते हैं और खेल को ही सोते थे। वीकेंड पर हम या तो वॉलबीज खेलते थे या फिर गोल्फ। एक युवा के रूप में बड़े होने के लिए मेरे लिए यह एक अच्छा वातावरण था। यह खेल का दीवाना माहौल था।
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