नई दिल्ली। भारत नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में चार मैचों की श्रृंखला के तीसरे टेस्ट में 10 विकेट से इंग्लैंड टीम पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहा। मैच महज 2 दिन में खत्म हो गया। स्पिन गेंदबाजों ने कुल मिलालकर 27 विकेट लिए। ऐसे में कई दिग्गजों ने पिच पर सवाल खड़े कर दिए। इंग्लैंड समर्थकों का आरोप है कि पिच कयूरेटर भारतीय टीम को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसी पिचें तैयार करते हैं।
हालांकि, भारतीय क्रिकेट ने साफ कर दिया कि पिच में कोई खराबी नहीं थी। वहीं अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भी इस बढ़ते हुए मामले पर जवाब दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि पिच ने स्पिन की मदद की लेकिन तर्क दिया कि टेस्ट बल्लेबाजों को स्ट्रेट ऑफ डिलेवरी से निपटने में सक्षम होना चाहिए। गावस्कर का मानना है कि पिच से ज्यादा, बल्लेबाजों की मंशा में कमी थी और उन्होंने खुद अपने विकेट गंवाने के लिए काम किया।
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गावस्कर ने कहा, ''गेंद स्पिन रह रही थी लेकिन टेस्ट मैच के बल्लेबाजों को टर्न या स्ट्राइकर को संभालने में सक्षम होना चाहिए। चुनौतीपूर्ण, लेकिन विश्वासघाती रूप से चुनौतीपूर्ण नहीं। बल्लेबाजों ने खुद अपना विकेट गंवाने में कसर नहीं छोड़ी। पिच पर गेंद खतरनाक तरीके से नहीं गुजरी। गेंद सीधी रह रही थी। उछाल भी रहा, लेकिन ऐसी गेंदों का सामना किया जाना चाहिए।''
पूर्व कप्तान ने रोहित शर्मा की पहली पारी में 66 तो दूसरी पारी में नाबाद 25 रनों की शानदार पारी खेली थी। गावस्कर ने कहा कि रोहित की पारी ने दिखाया कि पिच से ज्यादा यहां खिलाड़ियों की मानसिकता का सही होना था। गावस्कर ने कहा, "पिच से ज्यादा, यहां मानसिकता पर ध्यान देना आवश्यक था। रोहित ने ऐसा किया। रोहित शर्मा ने दोनों पारियों में बल्लेबाजी करते हुए दिखाया कि आप इस पिच पर रन बना सकते हैं।"