नई दिल्ली। भारतीय टेस्ट टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारत को हार से बचाने के लिए नाकाम रहे। इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालांकि उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। फिर चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 73 रनों की पारी को छोड़कर, पुजारा शेष पारियों में 15, 21, 7, 0 और 17 के स्कोर के साथ पचास रन का आंकड़ा पार करने में विफल रहे। एजेस बाउल में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में आने से पुजारा से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वह दो पारियों में केवल 8 और 15 रन ही बना पाए।
भारत की आठ विकेट की हार के बाद कप्तान विराट कोहली ने किसी खिलाड़ी पर हार का ठिकरा नहीं फोड़ा है, लेकिन संकेत दिए हैं कि वो आगामी टेस्ट मैचों में टीम में चेंज करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि पुजारा के प्रदर्शन पर कोहली सवाल उठा रहे हैं। हालांकि पूर्व भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर को लगता है कि पुजारा को निशाना बनाना निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट के लिए सही तरीका नहीं है। पुजारा का बचाव यह कहते हुए किया कि पुजारा का रॉक-सॉलिड फिगर पारी के लिए बहुत महत्व लाता है, जिनमें से एक बल्लेबाज को नॉन-स्ट्राइकर के छोर पर स्वतंत्रता के साथ बल्लेबाजी करने की अनुमति देता है।
कोहली की कप्तानी पर उठे सवाल, पूर्व पाक क्रिकेटर बोला- लोग आपको याद नहीं करेंगे
गावस्कर ने कहा, "देखो, भारत के बारे में भूल जाओ। अगर हम न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी के बारे में भी बात करते हैं, तो इस मैच में हालात बल्लेबाजों के अनुकूल नहीं थे। हालात गेंदबाजों के पक्ष में थे। हमें देखना चाहिए कॉनवे ने कैसे बल्लेबाजी की, केन विलियमसन ने कैसे बल्लेबाजी की। रॉस टेलर ने धीमी शुरुआत के बाद बल्लेबाजी की।" गावस्कर ने बताया कि साउथेम्प्टन की कठिन परिस्थितियों में न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने अपने खेल पर कैसे काम किया। पुजारा की तरह उनके बल्लेबाजों ने भी धीमी शुरुआत की। गावस्कर को लगता है कि पुजारा की आलोचना करने के बजाय इसे याद रखने की जरूरत है।
Tokyo Olympics : जब सुशील कुमार ने लंदन में जीता ऐतिहासिक मेडल, अब खा रहा है जेल की हवा
भारत के पूर्व कप्तान गावस्कर ने कहा, "हमें यह याद रखना चाहिए। उन्होंने भी धीमी शुरुआत की, लेकिन अगर आप पुजारा पर उंगलियां उठाना चाहते हैं, तो हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी एकजुटता के कारण, पुजारा को जानकर नॉन-स्ट्राइकर के खिलाड़ी अपने शॉट्स खेल सकते हैं। वह एक छोर पकड़ सकता था।''