इस वजह से मिली हार
काफी लोगों का मानना है कि महेन्द्र सिंह धोनी जैसे अनुभवी बल्लेबाज को 24 रनों के स्कोर पर ही चार विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी के लिए नहीं भेजना टीम की हार में सबसे बड़ी वजह है। वहीं गावस्कर भी इस बात को स्वीकार करते हुए नजर आए हैं। गावस्कर ने कहा, ''जब हमने 24 रन पर 4 विकेट गंवा दिए थे, तब पंत और पंड्या विकेट पर थे। दोनों एक ही मिजाज के खिलाड़ी हैं। दोनों आक्रामक हैं। वहां तो धोनी जैसा अनुभवी और संयमित बल्लेबाज एक छोर पर होना चाहिए था, जो पंत को सलाह देते। टीम मैनेजमेंट का ये फैसला हैरान कर देने वाला था। यहां सेलेक्शन कमेटी की कोई गलती नहीं थी। ये टीम मैनेजमेंट की चूक थी।
शास्त्री ने बताया किसकी सहमति से धोनी को 7वें नंबर पर भेजने का लिया गया था फैसला
कवर करना चाहिए था पूरा मैदान
इसके अलावा गावस्कर ने इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मैदान गिला ना हो इसके लिए उसे कवर करना चाहिए था। गावस्कर ने कहा, "प्रकृति के अपने तरीके हैं और वह मनुष्यों द्वारा नियंत्रित नहीं है, न्यूजीलैंड टीम को बारिश का फायदा मिला है। अगर रिजर्व डे रखा गया था तो मैदान गीला ना हो इसका भी ध्यान रखना चाहिए।''
निशाने पर है टीम मैनेजमेंट
बता दें कि भारत की हार के बाद टीम मैनेजमेंट निशाने पर आ गया है। खिलाड़ियों के बल्लेबाजी क्रम को लेकर भी टीम मैनेजमेंट अपना आखिरी फैसला नहीं ले सकी। वहीं अब बीसीसीआई ने भी कोच रवि शास्त्री और कोहली के साथ इस हार की समीक्षा करने को तैयार है, जिसमें पूछा जाएगा कि आखिर क्यों बल्लेबाजी क्रम से छेड़छाड़ की गई। हालांकि शास्त्री ने सफाई दी कि सभी टीम खिलाड़ियों का फैसला था कि धोनी को सातवें नंबर पर भेजा जाए।
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