नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के टॉप पर बैठे तीन व्यक्ति गुरुवार को ये जान जाएंगे कि वे बोर्ड के आला अधिकारियों के तौर पर काम कर पाएंगे या नहीं। ये तीन पदाधिकारी हैं- सौरव गांगुली, जय शाह और जयेश जोर्ज। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने ही बीसीसीआई का संविधान अगस्त 2018 में पास किया था जिसके हिसाब से कूलिंग ऑफ पारियड इन तीन पदाधिकारियों के पद पर बने रहने में बाधा बना हुआ है। कूलिंग ऑफ पारियड के अनुसार एक क्रिकेट प्रशासक को 6 साल की अवधि पूरी करने के बाद तीन साल का गैप लेना होगा। इस हिसाब से गांगुली का कार्यकाल 2020 के मध्य में ही समाप्त हो चुका है।
अब मामला शीर्ष कोर्ट के अधीन है जिसकी सुनवाई गुरुवार को दो जजों की बेंच करेगी। इससे पहले 23 मार्च को जज इस फैसले पर सुनवाई नहीं कर सके थे क्योंकि उनको मराठा रिजर्वेशन केस की सुनवाई करनी थी। इस सुनवाई को हेड जस्टिस राव करेंगे।
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बीसीसीाई ने कोर्ट के सामने संविधान में छह संशोधन करने की मांग की है जो कि पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा द्वारा अनुमोदित किया गया था। कई चीजों के अलावा बीसीसीआई चाहता है कि सौरव गांगुली, जय शाह और जोर्ज अपने पद पर बरकरार रहें और ऐसे ही कार्य चलता रहे। बीसीसीआई कूलिंग ऑफ पीरियड का झंझट ही खत्म करना चाहता है।
आउटलुक की रिपोर्ट के अनुसार सौरव गांगुली कह चुके हैं यदि सुप्रीम कोर्ट उनको जाने देना चाहेगा तो वे चले जाएगे और यह जय शाह पर भी असर डालेगा। गांगुली ने हाल में ही एक टीवी चैनल पर दिए इंटरव्यू में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला देने के बाद ही वह अपने अगले करियर पर विचार करेंगे।
इसी बीच बीसीसीआई की एपेक्स काउंसिल की बैठक 16 अप्रैल को होगी जिसमें गैर आधिकारिक क्रिकेट प्रतियोगिताओं के अलावा वर्ल्ड टी20 टूर्नामेंट भारत में कराने को लेकर चर्चाएं होंगी।