सूर्यकुमार यादव- 'चिंता मत करो, मैं हूं ना'
अबू धाबी में खेली गई उस पारी से पहले सूर्यकुमार खाना भी नहीं खा पा रहे थे क्योंकि भारतीय टीम में एक बार फिर उनको नजरअंदाज किया गया। एक बार फिर लंबा इंतजार नासूर बनता हुआ उनकी प्रतिभा को चिढ़ा रहा था लेकिन मुंबई इंडियंस एक अच्छी फ्रेंचाइजी है। कप्तान रोहित समेत टीम प्रबंधन ने यादव को दिलासा दिया और सूर्या भी सब भूलकर नई पारी सजाने के लिए निकल पड़े। आरसीबी के खिलाफ यह वह पारी थी जिसमें सूर्यकुमार का एक इशारा काफी फेमस हुआ। तब डग-आउट में बैठे अपने साथियों से सूर्यकुमार अपने हाव-भाव और हाथ को छाती पर लगाकर मानो कह रहे थे-'चिंता मत करो, मैं हूं ना।'
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भारत बनाम इंग्लैंड, टी20 सीरीज से लंबा इंतजार खत्म हुआ-
मुंबई इंडियंस की जीत के बाद यह 'मैं हूं ना' बहुत दिल जीत ले गया। आज सूर्या का वह इशारा उस सीजन की ऑइकोनिक पहचान बन गया है।
खैर आईपीएल बीत गया और भारत ने ऑस्ट्रेलिया में अपने इतिहास की महान सीरीज खेली। सूर्यकुमार यादव इस दौरान सोशल मीडिया से टीम इंडिया की तारीफ करते रहे। अब उनका चयन इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू टी20 सीरीज के लिए हो गया है। यह एक बड़ी सीरीज है और भारत को अपने घर में खेलनी है। 30 की उम्र पार कर चुके यादव का इंतजार अब खत्म हो गया है।
हुनर इंतजार करता रहा, प्रतिभा निखरती गई-
मुंबई इंडियंस से खेलने से पहले सूर्यकुमार यादव ने केकेआर के साथ अपना हुनर साझा किया था। बात 2014 की है जब कोलकाता को टाइटल हासिल हुआ था और यादव शानदार प्रदर्शन करके चमके थे। उसी साल उन्होंनें मुंबई के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में टॉप 3 सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होने की उपलब्धि हासिल की थी।
यादव को मुंबई इंडियंस की टीम ने 2011 में लिया और फिर 2018 के सीजन के दौरान वे फिर से अपनी चहेती टीम का हिस्सा हो गए।
यादव ने समय की मांग को देखते हुए अपनी बैटिंग में टी20 के हिसाब से बदलाव किया और 2018 व 2019 के सीजन में 400 से ऊपर रन बनाए, उनका स्ट्राइक रेट भी बढ़कर इन सालों के दौरान 130 का पहुंच चुका था। हम यह मानते हैं कि यादव की कहीं ना कहीं अनदेखी हुई क्योंकि वे इन दो सीजनों के दौरान वे सर्वाधिक रन बनाने वाले अनकैप्ड खिलाड़ी थे।
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अब इंटरनेशनल क्रिकेट में सूर्य की तरह चमकने का मौका-
जैसे-जैसे सूर्यकुमार अपनी बैटिंग में बदलाव करते गए उनको नए-नए शॉट्स ईजाद करने के लिए आत्मविश्वास आता गया। आज की तारीख में टी20 में बेहिसाब शॉट्स हैं। यादव ने बल्ले का जादूगर बनने के लिए खुद पर बहुत विश्वास दिखाया है। हालांकि देश के लिए खेलने से बड़ा सम्मान कुछ नहीं होता लेकिन इससे बड़ा दबाव भी कुछ नहीं होता। यादव आज एक मैच्योर बल्लेबाज हैं, उन्होंने मुश्किल हालातों का सामना किया है, उम्मीद है कि वह अपनी बल्लेबाजी को इंटरनेशनल क्रिकेट में भी पूरी लय से जारी रखेंगे और अब देश के लिए कुछ समय क्रिकेट खेल पाएंगे।