नहीं चला बल्ला
लक्ष्य बड़ा था, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में जिस तरीके से भारतीय बल्लेबाजी का दम दिखा उसे देख लग रहा था कि ये मुश्किल भी नहीं है। लेकिन पारी के पहले ओवर में ही सबकुछ बदल गया। शैफाली के साथ स्मृति मंधाना बैटिंग करने आईं तो उम्मीद थी कि शैफाली फिर धमाका करेगी, लेकिन पहले ओवर की तीसरी गेंद पर ही वे आउट हो गईं शैफाली ने मेगन शुट्ट की गेंद पर एलिसा हैली को कोच थमा दिया। शैफाली 3 गेदों में सिर्फ 2 रन बना सकीं।
कप्तान भी सस्ते में आउट
शैफाली के आउट होने के बाद दूसरे ओवर में उस समय भारत की मुश्किलें बढ़ गईं जब तानिया भाटिया भी चोटिल होकर रिटायर्ड हर्ट हो गईं। दूसरे ओवर की तीसरी गेंद पर तानिया भाटिया ने गेंद को स्वीप करने की कोशिश की लेकिन गेंद ने एक्स्ट्रा बाउंस लिया और गेंद सीधे उनके हेलमेट पर जा लगी। तानिया भाटिया के हेलमेट पर गेंद लगने के बाद उन्हें चक्कर आ गया. तुरंत भारतीय टीम की फीजियो मैदान पर आई और तानिया से उनका हालचाल पूछा। तानिया ने चक्कर आने और गर्दन में दर्द की शिकायत बताई जिसके बाद उन्होंने रिटायर्ड हर्ट होने का फैसला किया। वहीं कप्तान हरमनप्रीत काैर भी 4 रन बनाकर आउट हो गईं। जेमिमाह रोड्रिग्स खाता भी नहीं खोल पाईं, जबकि स्मृति मंधाना ने 11 रन बनाए।
टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा छक्के
इस टूर्नामेंट में भारत के लिए शैफाली वर्मा ने जबरदस्त खेल दिखाया है। टीम को विस्फोटक शुरूआत दिलाने में शैफाली ने कोई कसर नहीं छोड़ी जिसका फायदा मध्यक्रम की बल्लेबाजों को मिला। शैफाली इस टूर्नामेंट में भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज हैं। वे 5 मैचों में 158.25 की स्ट्राइक रेट से 163 रन बना चुकी हैं जिसमें 18 चाैके तो 9 छक्के शामिल रहे। सबसे ज्यादा छक्के लगाने का रिकाॅर्ड इन्हीं के नाम है। उन्होंने टूर्नामेंट में 9 छक्के लगाए। लेकिन फाइनल मैच में इनका बल्ला नहीं चला।