फैंस फिर से सुपर ओवर चाहते थे-
कीवी टीम तो उस गम से उभर गई लेकिन क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों के जेहन में वह मुकाबला हमेशा के लिए अमर हो गया। जब दो साल बाद इंग्लैंड और न्यूजीलैंड फिर आमने-सामने आए तब एक बार फिर 2019 का फाइनल मुकाबला सबके दिमाग में था।
इस बार इंग्लैंड ने कीवियों को जीत के लिए 167 रनों का टारगेट दिया था और न्यूजीलैंड इस लक्ष्य का पीछा करता हुआ 17वें ओवर तक पिछड़ रहा था लेकिन जिमी नीशम ने क्रिस जोर्डन के ओवर में धुनाई करके 23 रन बटोर लिए और मैच फिर से जिंदा हो उठा। 18 ओवर के बाद कीवियो का स्कोर 147 रनों पर 5 विकेट हो गया था और जीत के लिए 12 गेंदों पर 20 रनों की दरकार थी। लेकिन सभी फैंस की चाहत वह सुपर ओवर थी जिसको वे 2019 में अधूरा हिसाब मानते हैं। कई लोग चाहते थे कि इस बार भी मैच सुपर ओवर में जाए और न्यूजीलैंड को अंग्रेजों पर क्लीन जीत मिले।
सुपर ओवर में मैच टाई होने पर इस बार क्या होता?
नीशम आउट हो चुके थे तो रोमांच और ज्यादा बढ़ गया लेकिन दूसरे छोर पर डेरिल मिशेल जैसा सेट हो चुका बल्लेबाज क्रीज पर था और उन्होंने किसी तरह का ड्रामा नहीं होने दिया।
अर्धशतक लगातार खेल रहे मिशेन ने 19वें ओवर में क्रिस वॉक्स की धज्जियां उड़ाते हुए मैच को कीवियों की झोली में डाल दिया। इस दौरान दो छक्के और एक चौका लगाया गया। मैच बगैर टाई हुए और सुपर ओवर में गए बिना ही खत्म हो गया। लेकिन क्या होता अगर मैच टाई होकर सुपर ओवर में चला जाता और वहां भी स्कोर बराबरी पर चला जाता?
इस बार कीवियों के साथ सुपर ओवर नाइंसाफी ना करता-
यह बिल्कुल 2019 की सुपर स्क्रिप्ट का दोहराव हो जाता जिसको हम सभी देखना चाहते थे। लेकिन इस बार आईसीसी ने जिल्लत सहने के बाद नियम में बदलाव कर दिया। अगर इस बार सुपर ओवर होता तो उसके टाई होने पर फिर से सुपर ओवर करा दिया जाता। यह काम तब तक चलता रहता जब की कोई एक टीम जीत नहीं जाती। यानी कितनी ही बार सुपर ओवर टाई होता रहता, एक टीम तभी जीत पाती जब किसी एक सुपर ओवर में नतीजा नहीं मिलता।
अगर एक टीम के सुपर ओवर में दो विकेट गिर गए तो फिर वह ओवर वहीं पर खत्म हो जाता। और अगर किसी वजह से मैच टाई होने के बाद मौसम खराब हो जाता जिस वजह से सुपर ओवर डालना संभव नहीं था तो फिर ये किसी ओर समय पर डाला जाता। लेकिन मैच का नतीजा सुपर ओवर से ही निकलता।