अश्विन बहुत बेहतर साबित हुए-
अश्विन बहुत बेहतर साबित हुए और उन्होंने 4 ओवर में केवल 14 रन देकर दो विकेट लिए। अश्विन ने पहले गुलबादीन नायब को चलता किया और फिर नजीबुल्लाह जादरान को भी अपने अनुभव के सामने फीका साबित कर दिया। इन दो विकेटों का मतलब यह था कि अफगानिस्तान का मिडिल ऑर्डर हल्के प्रैशर में आया जिसके चलते रनों के बहाव पर अंकुश लग गया। वही मोहम्मद शमी भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज साबित हुए जिन्होंने तीन विकेट लिए। रविंद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह ने भी आपस में एक-एक विकेट बांटा और अफगानिस्तान को 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 144 रनों पर सीमित कर दिया।
विराट दिग्गज स्पिनर की वापसी से सबसे ज्यादा खुश-
रविचंद्रन अश्विन को भारत ने पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ दुबई में नहीं खिलाया था लेकिन अबू धाबी में अश्विन की एंट्री जब हुई तो सबको सुखद आश्चर्य हुआ। असल में वरुण चक्रवर्ती को भी चोट लगी हुई है जिसके चलते अश्विन का रास्ता बनना एक तरीके से तय हो चुका था।
विराट कोहली अश्विन की वापसी और उनके प्रदर्शन से खुश हैं और वे कहते हैं कि, अश्विन की वापसी वाकई में एक अच्छी बात है और उन्होंने इन और उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की है। उन्होंने आईपीएल में भी अच्छी गेंदबाजी की और लय दिखाई थी। मैं बहुत खुश हूं कि वे अपनी रिदम में वापस लौट आए हैं। जब वे इस तरह से गेंदबाजी करते हैं तो आप मिडिल ओवर में विकेट लेने के साथ रनों पर भी अंकुश लगा सकते हैं। वे एक स्मार्ट बॉलर है। तो रविचंद्रन अश्विन की वापसी मैच में सबसे खुशी की बात रही।"
नेट रन रेट पर कोहली का ध्यान पहले से था-
अब भारत का रन रेट प्लस 0.073 हो चुका है। भारत को अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के मैच से कुछ उम्मीदें बाकी है। अगर अफगानिस्तान में जीतने में कामयाब रहता है और भारत अपनी बाकी बचे दो मैच बड़े अंतर से जीत जाता है तो कौन जानता है विश्व कप में भारतीय टीम का सफर आगे भी जारी रहे।
विराट कोहली ने कहा कि, भारत अपना रन रेट बेहतर करना चाहता था और इसलिए बुधवार को उन्होंने उसी तरह से खेल दिखाया है।
बता दें भारत ने बुधवार को रोहित शर्मा और केएल राहुल की तूफानी पारियों के चलते 140 रनों की साझेदारी की और फिर बाद में हार्दिक पांड्या ने भी 13 गेंदों पर 35 रन ठोक दिए। इसके अलावा ऋषभ पंत भी 15 गेंदों पर 27 रन बनाने में कामयाब रहे और भारत ने 210 रनों का जबरदस्त स्कोर खड़ा कर दिया।
सेमीफाइनल की उम्मीदें अभी छोड़ी नही हैं-
कोहली कहते हैं कि भारत हर बार शुरू में इतनी तेजी से रन नहीं बनाता लेकिन जब ऐसा किया जाता है तो बल्लेबाज खुद को पूरी तरह सपोर्ट करते हैं क्योंकि टीम जानती है कि बल्लेबाज ऐसा करने में सक्षम है। कोहली कहते हैं, "तो हां, इस तरह का क्रिकेट खेलना हमारे दिमाग में पहले से था लेकिन जैसे कि मैं कह चुका हूं कुछ मौकों पर दबाव भी होता है। बाकी टीमों ने हमारे खिलाफ बहुत अच्छी गेंदबाजी की। हां हमारे दिमाग में नेट रन रेट था। हम हमेशा पॉजिटिव थे तो हम इसी बारे में सोच रहे थे। कोहली कहते हैं कि उन्होंने टीम मीटिंग में इस बात पर चर्चा की है कि उनको सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने के चांस पर फोकस करना होगा और पॉजिटिव रहना होगा और जो भी मौका आए उसको भुनाना होगा।"