पाकिस्तान से बेहतर प्रदर्शन कर रहे भारतीय ओपनर
वॉर्म अप मैचों की बात करें तो दोनों टीमों ने अपने पहले मैचों में जीत हासिल की हालांकि पाकिस्तान की तुलना में भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाजों ने बेहतर प्रदर्शन किया और टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचाया। जहां पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज दोनों मैच में एक बार भी अर्धशतकीय साझेदारी नहीं कर सके तो वहीं भारतीय टीम के लिये उसके सलामी बल्लेबाजों ने दोनों मैच में अर्धशतकीय साझेदारी की और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
पाकिस्तान के लिये सिर्फ बाबर आजम ने ओपनिंग करते हुए एक पारी में अर्धशतक लगाया जबकि भारतीय टीम के लिये ईशान किशन, केएल राहुल और रोहित शर्मा ने अर्धशतक लगाकर टीम को बढ़िया शुरुआत दिलाई। वार्म अप मैचों के प्रदर्शन के हिसाब से भारतीय टीम के ओपनर्स पाकिस्तान की तुलना में बेहतर शुरुआत कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि मैच वाले दिन भारत का पलड़ा ज्यादा भारी नजर आता है।
पाकिस्तान के गेंदबाज भारत से ज्यादा किफायती
भले ही भारतीय टीम ने वॉर्म अप मैचों में ओवरऑल अच्छा प्रदर्शन कर अपनी टीम को विजयी शुरुआत दिलायी है लेकिन गेंदबाजी के विभाग में पाकिस्तान के गेंदबाजों ने भारतीय टीम की तुलना में ज्यादा बेहतरीन प्रदर्शन किया है। जहां पर भारतीय टीम के लिये मोहम्मद शमी ने 10 की इकॉनमी से पहले मैच में रन लुटाये तो वहीं पर राहुल चाहर ने 10.80 और भुवनेश्वकर कुमार ने 13.50 की इकॉनमी से रन दिये। वहीं पर पाकिस्तान के लिये इमाद वसीम ने 2.0, हसन अली ने 5.20, मोहम्मद हाफिज ने 4.30 और शादाब खान ने 3.50 की किफायती इकॉनमी से रन दिये हैं। हालांकि विकेट चटकाने के मामले में भारतीय गेंदबाज पाकिस्तानी बॉलर्स से ज्यादा असरदार साबित हुए हैं। भारत ने दोनों मैच में 5-5 विकेट चटकाये तो वहीं पर पाकिस्तान की टीम ने पहले मैच में 7 तो दूसरे मैच में 4 विकेट चटकाये।
डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट में भारत का पलड़ा भारी
टी20 प्रारूप के किसी भी मैच में जितना जरूरी उसका पावरप्ले होता है उससे ज्यादा जरूरी टीम का डेथ ओवर्स होता है जो कि मैच का नतीजा तय करता है। ऐसे में टीमों को डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट बॉलर्स की जरूरत होती है जिसमें भारतीय टीम का पलड़ा पाकिस्तान पर भारी नजर आता है। जहां पाकिस्तान के पास हसन अली, हैरिस राउफ और शाहीन शाह अफरीदी के रूप में 3 गेंदबाज हैं जिनका इस्तेमाल कप्तान बाबर आजम डेथ ओवर्स में करते हैं तो वहीं पर भारत के पास डेथ ओवर्स फेंकने वाले गेंदबाजों की संख्या लगभग दोगुनी है। भारत के लिये जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी के अलावा भुवनेश्वकर कुमार भी डेथ ओवर विशेषज्ञ के तौर पर मौजूद हैं तो वहीं पर शार्दुल ठाकुर और वरुण चक्रवर्ती भी उन गेंदबाजों में शुमार है जो पिछले काफी समय से डेथ ओवर्स में गेंद फेंकने का अभ्यास कर रहे हैं और वॉर्म अप मैचों में उन्होंने यह काम बखूबी करके भी दिखाया।