नई दिल्लीः क्रिकेट के खेल का मजा टॉस अक्सर खराब करता आया है। कई बार तो टॉस के साथ ही मैच तय हो जाता है। आईसीसी वर्ल्ड कप में ऐसा होना और भी दुर्भाग्यपूर्ण है। टॉस जीतने में केवल किस्मत का रोल होता है। खेल को भगवान भरोसा छोड़ना ठीक नहीं इसलिए भारत के पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर ने आईसीसी से उम्मीद की है कि वह इस मामले पर नजर डालकर देखेगी। यूएई में हुए टी20 वर्ल्ड कप में जिन टीमों ने बाद में बैटिंग की वह फायदे में रही और गावस्कर चाहते हैं कि आईसीसी इन चीजों पर गौर करे।
गावस्कर का कहना है कि यह आईसीसी क्रिकेट कमेटी के लिए एक मुद्दा रहेगा जिसके उन्हें ठीक करना होगा ताकि मैदान में उतरने वाली दोनों टीमों के लिए खेल बराबरी का रहे।
ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी बैटिंग करते हुए फाइनल में न्यूजीलैंड को 8 विकेट से मात दे दी। कंगारूओं इतने आरामदायक स्थिति में दिखाई दिए जबकि एक सच यह भी था कि वे टी20 वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में अब तक के सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा कर रहे थे फिर भी 7 गेंद शेष रहते हुए मैच जीत लिया गया। गावस्कर ने स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत के दौरान यह बताया है कि ओस का प्रभाव दूसरी पारी में रहता है और इसको लेकर कुछ करने की जरूरत है।
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गावस्कर ने कहा कि, कमेंट्री करने वाले कह रहे थे कि ओस का कोई खास प्रभाव नहीं है लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता क्योंकि पिछले गेम में भी ऐसा हुआ था और इस बारे में कुछ करने की जरूरत है। लेकिन आप कह सकते हैं जब ग्रुप उसी समय पर खेले गए थे तो नॉकआउट मैचों का टाइम बदलने का क्या मतलब है।
वर्ल्ड कप के 45 मैचों में 29 मुकाबले दूसरी बार बैटिंग करने वाली टीम ने जीते। इससे पहले रवि शास्त्री और भरत अरुण ने भी टीमों के पहले और दूसरे बैटिंग करने में फर्क को लेकर बात की थी।
गावस्कर कहते हैं कि, मुझे लगता है आईसीसी की क्रिकेट कमेटी को इस मामले को देखना होगा ताकि दोनों टीमों के पास बराबरी का मौका होगा।
गावस्कर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया जिस तरह से खेल रहा था उसके हिसाब से तो वे 200 रनों का स्कोर भी पार कर लेते। उन्होंने माना कि मिशेल मार्श ने जबरदस्त पारी खेली, डेविड वार्नर पिछले मैचों में बेहतरीन खेल रहे थे। ऑस्ट्रेलिया 6-7 गेंद शेष रहते हुए जीत गया। मैक्सवेल और मार्श क्रीज पर थे, वे 20 रन और जोड़ सकते थे।