शिवनारायण चंद्रपॉल के बेटे टेगनारिन
वेस्टइंडीज के पूर्व बाएं हाथ के बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल अपने बल्लेबाजी कौशल से ज्यादा अपने बल्लेबाजी स्टांस के लिए जाने जाते थे। वे जिस तरह से स्टंप के सामने खड़े होते थे उसको लेकर भी उनकी बल्लेबाजी के दिनों में काफी चर्चा होती थी। इसके बावजूद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि चंद्रपॉल ने अपनी बेजोड़ तकनीक से उस समय के तमाम महान गेंदबाजों का सामना करते हुए रन बनाए। चंद्रपॉल ने 268 वन-डे इंटरनेशनल खेले और साथ ही 164 टेस्ट मैच खेले। उनका कैरियर 1994 में शुरू हुआ और 2011 में समाप्त हुआ, उन्होंने 20,000 से अधिक रन बनाए, जो कि किसी भी मानकों से बहुत अधिक है।
पूरे दिन की बैटिंग, खेली 274 गेंदें-
उनके बेटे, टेगनारिन ने भी, उनके जैसा ही रास्ता अपनाया है। वेस्टइंडीज चैंपियनशिप में हाल ही में चार दिवसीय मैच में, जूनियर चंद्रपॉल ने पूरे दिन बल्लेबाजी की। टैगेनारिन के इस कारनामे के बाद सभी ने उनकी तुलना उनके पिता के साथ की है। शिवनारायण को भी पिच पर रहते हुए अपने धैर्य और दृढ़ संकल्प के लिए जाना जाता था। क्रीज पर अपनी टिकाऊ पारी के दौरान टेगनारिन ने 274 गेंदों का सामना किया और 66 रन बनाए, जिससे उनकी टीम ने दिन के खेल के अंत तक गुयाना को कुल 209/8 तक पहुंचा दिया।
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रिकॉर्ड बना चुकी है पिता-पुत्र की ये जोड़ी
इन पिता-बेटे की एक कहानी वाकई दिलचस्प है। 2013 में एक मैच में, शिवनारायण और टैगेनारिन दोनों ने प्रथम श्रेणी मैच में एक साथ बल्लेबाजी की, जिससे वे ऐसा करने वाली कुछ जोड़ियों में से एक बन गए। चार साल बाद 2017 में, दोनों ने अपनी बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए, एक ही मैच में अर्द्धशतक बनाया था और ऐसा करने वाली पहली पिता-पुत्र की जोड़ी बन गई थी।