चलाई अंधाधुंथ गोलियां
पाकिस्तानी समाचार आउटलेट द न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, चश्मदीदों ने कहा कि बड़ी संख्या में दर्शक, जिनमें राजनीतिक कार्यकर्ता और मीडियाकर्मी शामिल हैं, चैन ग्राउंड में अमन क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मैच देखने के लिए इकट्ठा हुए थे। और जैसे ही खेल शुरू हुआ, आतंकवादियों ने पास की पहाड़ियों से खेल के मैदान पर अंधाधुंध गोलीबारी की।
जान बचाने के लिए दाैड़े खिलाड़ी
सौभाग्य से, खिलाड़ी, दर्शक और पत्रकार घटनास्थल से भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। रिपोर्ट में एक दर्शक के हवाले से कहा गया है कि गोलीबारी इतनी तीव्र थी कि आयोजकों के पास खेल को समाप्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि जब पास की पहाड़ियों से गोलीबारी शुरू हुई तो सभी जान बचाने के लिए सुरक्षित जगह की ओर दौड़े। हालांकि, घटना में किसी भी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई।
पाक क्रिकेट को पहले भी इसकी झेलनी पड़ी मार
आतंकवादियों ने पाकिस्तान क्रिकेट के लिए चीजों को बहुत कठिन बना दिया है। कोई भी बड़ी टीम सुरक्षा कारणों से देश का दौरा करने को तैयार नहीं है। 2009 में श्रीलंकाई टीम की बस पर आतंकवादियों द्वारा हमला करने के बाद बाकी बड़ी टीमें पाकिस्तान का दाैरा करने से मना करती हैं। इस घटना ने सभी अंतर्राष्ट्रीय टीमों को पाकिस्तान के दौरे के खिलाफ फिर सोचने पर मजबूर कर दिया। हमले के मद्देनजर देश ने 2011 विश्व कप के संयुक्त मेजबानी अधिकार भी खो दिए थे। सौभाग्य से, पाकिस्तान के लिए हाल के वर्षों में हालात सुधरने लगे हैं। पिछले तीन वर्षों में श्रीलंका, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश की टीम ने उनका दौरा किया है। 2017 में तीन मैचों की टी 20 सीरीज के लिए वर्ल्ड इलेवन की टीम ने भी उनका दौरा किया। पाकिस्तान ने पिछले दो सत्रों में पीएसएल खेलों की भी मेजबानी की है।