नई दिल्ली। रविवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) और पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) के बीच मैच में तीसरे अंपायर ने एक विवादास्पद फैसला सुनाया। जब गेंद बल्ले के करीब थी, तो अल्ट्रा एज में स्पष्ट स्पाइक दिखाने के बावजूद देवदत्त पडिक्कल को आश्चर्यजनक रूप से नॉट-आउट घोषित किया गया। हालांकि, टीवी अंपायर के श्रीनिवासन ने यह कहते हुए इसे नजरअंदाज कर दिया कि गेंद बल्ले को बिल्कुल भी नहीं लगी है।
यह घटना पारी के आठवें ओवर में हुई जब रवि बिश्नोई गेंदबाजी कर रहे थे। पडिक्कल ने लेग्गी की कई गुगली गेंदों को मिस करने के बाद आखिरकार रिवर्स स्वीप करने की कोशिश की । ओवर की तीसरी गेंद पर पडिक्कल ने शाॅट खेला, लेकिन गेंद हल्का सा किनारा लेकर विकेटकीपर केएल राहुल के हाथ में चली गई। इसके बाद पूरी टीम ने जोरदार अपील की, लेकिन मैदानी अंपायर ने पडिक्कल को आउट नहीं था। हालांकि राहुल को भरोसा था कि गेंद बल्ले से लगी है। ऐसे में उन्होंने तीसरे अंपायर से फैसला मांगने के लिए रिव्यू लिया।
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भारत के पूर्व क्रिकेटर आशीष नेहरा भी नॉट-आउट दिए जाने के फैसले को देखकर हैरान रह गए और उन्हें लगा कि इसमें कोई शक नहीं है कि बल्लेबाज आउट था। हरा ने क्रिकबज से बात करते हुए कहा, "यदि आप मुझसे पूछें, तो वह आउट था। संदेह करने का कोई फायदा ही नहीं था। स्क्रीन पर एक स्पष्ट स्पाइक था। केएल राहुल ने शानदार कैच लपका था, लेकिन थर्ड अंपायर ने उसे नॉट आउट दिया।"
राहुल त्रिपाठी के नकारे कैच पर नेहरा ने दी अपनी राय
एक और कैच जो सुर्खियों में है, वह है राहुल त्रिपाठी ने पिछले हफ्ते पीबीकेएस और केकेआर के बीच खेल के दौरान लिया था। अंतिम ओवर में त्रिपाठी ने डीप में बहुत अच्छा कैच लेने के लिए डाइव लगाई थी, लेकिन कई रिप्ले के बाद थर्ड अंपायर ने उन्हें नॉट-आउट दे दिया। इस मामले में आशीष नेहरा को लगा कि गेंद के जमीन को छूने में थोड़ा संदेह है और इसलिए, संदेह का लाभ बल्लेबाज को गया।
नेहरा ने कहा, "एक बार केकेआर के राहुल त्रिपाठी ने एक मैच के दौरान केएल राहुल का कैच लपका। मैं सॉफ्ट सिग्नल की अवधारणाओं का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं। अंपायर दूर खड़े हैं, और वे कभी-कभी मैदान पर हो रही सभी चीजों को देखने में असमर्थ होते हैं। इसलिए, अगर आपने थर्ड अंपायर को रखा है, तो मुझे लगता है कि उन्हें इस पर पूरा फैसला करना चाहिए।'' नेहरा ने आगे कहा, "लेकिन फिर, कभी-कभी कैमरे पर भी संदेह होता है कि गेंद जमीन पर लगी थी या नहीं, इसलिए कभी-कभी संदेह का लाभ बल्लेबाज को दिया जाता है।"