2003 विश्व कप का वो सुनहरा दौर-
पूर्व ऑलराउंडर दिनेश मोंगिया ने 17 सितंबर 2019 को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। 2001 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच 12 मई 2007 को बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मार्च 2001 में अपना पहला वनडे मैच खेला। मोंगिया ने अपने वनडे करियर में कुल 57 मैच खेले जिसमें उन्होंने 27.95 की औसत से 1230 रन बनाए। इसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 159 का रहा जो उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान बनाया था। इस पारी में उन्होंने 17 चौके और 1 छक्का जड़ा। यह उनके इंटरनैशनल करियर का एकमात्र शतक भी है। मोंगिया से पहले भारत के जबरदस्त बल्लेबाज युवराज सिंह ने भी इसी साल जून में विश्व कप 2019 के दौरान क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
15 में से केवल दो ही सदस्य अभी खेल रहे हैं-
इन दो संन्यासों के साथ अब 2003 की विश्व कप टीम के केवल दो ही ऐसे खिलाड़ी बचे हैं जो अभी भी क्रिकेट में सक्रिय हैं। 2003 वर्ल्ड कप खेलने वाले भारतीय टीम के 15 खिलाड़ियों में से 13 खिलाड़ी संन्यास ले चुके हैं। केवल बचे हुए 2 खिलाड़ियों में पहले खिलाड़ी का नाम हैं हरभजन सिंह जो इस समय 38 साल के हो चुके हैं। हालांकि हरभजन लंबे समय से भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं लेकिन आज भी क्रिकेट में वह सक्रिय हैं। हाल ही में वह आईपीएल 2019 में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते नजर आए थे।
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34 साल के हैं पार्थिव पटेल-
इस टीम के दूसरे खिलाड़ी हैं पार्थिव पटेल जो इस समय 34 साल के ही हैं। पार्थिव भी 2003 वर्ल्ड कप का हिस्सा थे लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। पार्थिव एक विकेटकीपर हैं और वे भी टीम इंडिया का हिस्सा लंबे समय से नहीं हैं। हालांकि भज्जी की तरह से आज भी पार्थिव क्रिकेट में एक्टिव हैं। उन्होंने 2019 आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर का प्रतिनिधित्व किया था। हरभजन सिंह जहां टी-20 क्रिकेट में आज भी अच्छी गेंदबाजी करके हाइप्रोफाइल क्रिकेटर बने हुए हैं तो वहीं पार्थिव पटेल शुरू से ही एक लो प्रोफाइल खिलाड़ी रहे हैं।