नेशनल डोपिंग टेस्ट लैब ने की देरी -
ये सब बातें तब हुई जब टेस्ट के लिए शॉ के नमूने को पहले ही कलेक्ट किया जा चुका था। बीसीसीआई ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए इशारा कि गलती नमूने कलेक्ट करने वाली नेशनल डोपिंग टेस्ट लैब की है जिन्होंने शॉ की रिपोर्ट पेश करने में इतना विलंब कर दिया। इस बारे में बात करते हुए बीसीसीआई के एंटी डोपिंग मैनेजर की ओर से कहा गया, ' हमारी तरफ से कोई विलंब नहीं हुआ है, लैब रिपोर्ट मिलने में ही देरी हुई। उन्हें (लैब को) 10 दिन में रिपोर्ट सौंप देनी चाहिए थी, लेकिन उनका कहना था कि तकनीकी दिक्कतों की वजह से इसमें देरी हो रही है। हमें यह 2 मई को मिली। इससे बचा जा सकता था, उसे खेलने देने की कोई वजह नहीं थी।'
बीसीसीआई का एक और खुलासा-
अब बीसीसीआई द्वारा इस मामले में गुरुवार को एक और बड़ा खुलासा हुआ है जिसके अनुसार पृथ्वी शॉ के सैंपल कलेक्शन के बाद नेशनल डोपिंग टेस्ट लैब की ओर से फाइनल रिपोर्ट आने में पूरे दो महीने का समय लग गया। जबकि इतनी देरी बनती ही नहीं थी। यह लैब नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के तहत काम करती है। अब माना जा रहा है कि वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) इस केस को फिर से खोलकर मामले की जांच कर सकती है।
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इस सीरीज से हो सकती है शॉ की वापसी
बता दें कि शॉ ने 22 फरवरी, 2019 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान अपना सैम्पल दिया था, जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ के अंश पाए गए थे। इसके चलते उन पर 16 नवंबर तक क्रिकेट से बैन लगाया गया है। इसका मतलब साफ है कि की पृथ्वी शॉ दक्षिण अफ्रीका सीरीज में भी चयन के लिए मौजूद नहीं रहेंगे। अब वे बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज दुसरे मैच में ही चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे।