इंग्लैंड पहुंचा फाइनल में
इस बार विश्व कप से पहले ही इंग्लैंड को खिताब जीतने का दावेदार बताया जा रहा था। इंग्लैंड ने इस दावेदारी को पुख्ता करते हुए खिताब की ओर एक अंतिम कदम बढ़ा दिया है। लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि यह 'अंग्रेजों' का शानदार प्रयास था तो आपको बता दें कि ऐसा नहीं है। इंग्लैंड की टीम भले ही फाइनल में जा रही है लेकिन सच यह है कि इस टीम में 'अंग्रेज सेना' नहीं बल्कि 'उधार' के खिलाड़ियों का प्रमुख योगदान रहा है जिन्होंने इंग्लैंड को यहां तक पहुंचाने में मुख्य भूमिका निभाई है। 'उधार' भले ही यहां पर थोड़ा कठोर शब्द लगे लेकिन जब आप इंग्लैंड की टीम के इन पांच खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे तो आपको भी आश्चर्य हो सकता है।
इंग्लैंड के 'आयरिश' कप्तान मोर्गन
सबसे पहले हम शुरुआत करते हैं अंग्रेज सेना के सेनापति यानी इयोन मॉर्गन से। बता दें कि मार्गन जिस इंग्लिश टीम की कप्तानी कर रहे हैं वह खुद 'अंग्रेज' नहीं हैं बल्कि आयरिश हैं। वे डब्लिन में पैदा हुए थे और उनकी माता इंग्लिश मूल की हैं। मॉर्गन ने क्रिकेट का ककहरा आयरलैंड में ही सीखा जिसमें उनके पिता ने उनकी मदद की। उनके पिता खुद एक क्रिकेटर रह चुके हैं। मॉर्गन ने आयरलैंड में यूथ टीमों की ओर से काफी क्रिकेट खेला है। वे वहां पर अंडर-13, अंडर-15 और अंडर-17 लेवल पर खेल चुके हैं। यहीं नहीं, उनको 2004 अंडर-19 विश्व कप के दौरान भी आयलैंड की ओर से खेलने का मौका मिला। वे उस टूर्नामेंट में आयरलैंड की ओर से टॉप स्कोरर थे। इसके बाद उन्होंने दो साल बाद अंडर-19 टूर्नामेंट में ही आयरलैंड की कप्तानी भी की और 2007 विश्व कप में भी आयरलैंड का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद इंग्लैंड के लिए खेलना उनकी महत्वकांक्षा बन गई और वे मिडिलसेक्स काउंटी की ओर से खेलने लगे। मार्गन बताते हैं कि उनके पास जन्म के समय से ही ब्रिटिश पासपोर्ट है।
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जेसन राय और बेन स्टोक्स-
इंग्लैंड की विश्व कप में कायापलट करने वाले खिलाड़ी का नाम है जेसन रॉय। जब इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के हाथों लगातार मैच हारकर विश्व कप से बाहर होने की कगार पर आ गया था तब रॉय की टीम वापसी ने ही भारत और न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीमों को हराकर इंग्लैंड की सेमीफाइनल में जगह मजबूत की थी। रॉय की वापसी से बेयरस्टो का भी आत्मविश्वास नए दर्जे पर पहुंच गया था जिसके चलते उन्होंने लीग मैचों में कुछ निर्णायक पारियां खेली। रॉय ने ही उसके बाद सेमीफाइनल मुकाबले में 65 गेंदों पर 85 रनों की तूफानी पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया को मैच से बाहर कर दिया। आपको बता दें कि रॉय दक्षिण अफ्रीका में जन्मे हैं। 10 साल उन्होंने वहीं पर बिताए थे लेकिन बाद में उनकी परिवार इंग्लैंड चला गया था और रॉय सरे की ओर खेलने लगे थे। बिल्कुल ऐसी ही कहानी बेन स्टोक्स की है जिनका जन्म न्यूजीलैंड में हुआ लेकिन 12 साल की उम्र के बाद वे इंग्लैंड चले आए जहां पर उन्होंने क्रिकेट सीखा।
जोफ्रा आर्चर और आदिर राशिद-
इनमे सबसे दिलचस्प कहानी जोफ्रा आर्चर की है। अगर आप उनका ट्विटर अकाउंट देखेंगे तो उसमें आपको कोई इंग्लिश क्रिकेट खिलाड़ी नहीं एक विंडीज खिलाड़ी की झलक मिलेगी। आर्चर का जन्म कैरेबियाई द्वीप समूह में बारबाडोस में हुआ था। उनके पिता इंग्लिश हैं इस कारण उनके पास इंग्लिश पासपोर्ट था लेकिन आर्चर 2022 तक इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलने के लिए योग्य नहीं थे। ठीक इसी दौरान इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने अपने नियमों में बदलाव किया और आर्चर आज विश्व कप में इंग्लैंड के लिए जलवे बिखेर रहे हैं। आर्चर वेस्टइंडीज की अंडर-19 टीम की ओर से तीन बार खेल चुके हैं।
लेग स्पिनर आदिल रशीद पाकिस्तानी मूल के खिलाड़ी हैं। उनका परिवार कश्मीर से 1967 के दौरान इंग्लैंड चला गया था। वे मीरपुरी समुदाय से आते हैं। हालांकि राशिद का जन्म इंग्लैंड में ही हुआ। सेमीफाइनल मैच में राशिद ने तीन विकेट चटकाए थे और जीत में अहम योगदान दिया था।
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