कारण नंबर -1
टीम इंडिया अभी जीत की लहर पर सवार है। ऐसा इसलिए है क्योंकि टीम के सभी खिलाड़ी अभी एक इकाई के रूप में प्रदर्शन कर रहे हैं। एक समय था जब सचिन के प्रदर्शन करने या न कर पाने से कमोबेश टीम की जीत-हार तय होती थी। सौरव गांगुली से टीम को जो जुझारूपन मिला उसका परिणाम महेंद्र सिंह धोनी तक आते-आते दिखने लगा। धीरे-धीरे टीम एक-दो खिलाड़ी के भरोसे से आगे निकलकर एक इकाई के रूप में प्रदर्शन करना शुरू कर चुकी थी। यह क्रम अब अपने युवावस्था में है। ऐसे में पंत का प्रदर्शन फीका रहता भी है तो टीम की सफलता पर फिलहाल कोई गुणात्मक फर्क पड़ते नहीं दिखता है। जब टीम जीत रही होती है तो किसी खिलाड़ी के अच्छे प्रदर्शन नहीं करने पर आलोचनाएं भी थोड़ी ठंडी हो जाती है। पंत अभी इस वजह से भी थोड़े भाग्यशाली लगते हैं।
कारण नंबर -2
अगर आपको ये याद हो कि ICC विश्वकप 2019 के बाद चयनकर्ताओं ने ऋषभ पंत को लेकर क्या कहा था, तो पंत के टीम में होने का दूसरा कारण समझ में आने लगेगा। चयनकर्ताओं ने ICC विश्व कप 2019 के बाद जब टीम के प्रदर्शन पर बात चल रही थी तभी ऋषभ पंत का बचाव करते हुए यह साफ कर दिया था कि पंत उनकी पहली पसंद हैं। उन्हें मौके देकर भविष्य के टूर्नामेंट के लिए तैयार किया जायेगा। इससे पंत को एक अभयदान जरूर मिला। फिर बड़े-बड़े भारतीय खिलाड़ियों के पंत के समर्थन में आने से उन्हें और मौके मिलते रहे हैं। बांग्लादेश सीरीज को ही देखें तो इस सीरीज में पंत के फ्लॉप होने पर सौरव गांगुली ने उनका बचाव करते हुए कहा था कि पंत बतौर विकेटकीपर-बल्लेबाज शानदार खिलाड़ी हैं, उन्हें अभी समय देने की जरुरत है और उन्हें यकीन है कि समय के साथ पंत के खेल में निखार आएगा। तो वहीं कप्तान कोहली भी पंत के पक्ष में दिखते हैं। कोहली ने भी पंत का पक्ष लेते हुए कहा था कि हम उन्हें भविष्य के रूप में देख रहे हैं, उनके पास भरपूर काबिलियत और प्रतिभा है। हम उन पर कोई दबाव नहीं रखना चाहते हैं और उन्हें वक्त भी देना चाहते हैं ताकि उनकी प्रतिभा सही रूप में सामने आए। अभी हाल ही में बांग्लादेश के साथ चल रही सीरीज में पंत के लचर प्रदर्शन का बचाव कुछ इस तरह से ही रोहित शर्मा ने भी किया है।
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कारण नंबर -3
दरअसल, ऋषभ पंत को टीम में लाया ही गया था महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी के तौर पर। पंत विकेट-कीपर बल्लेबाज हैं। अपने खेल में आक्रामक हैं। युवा हैं। अगर यह टीम संयोजन में यह फिट बैठते हैं तो युवा होने के कारण टीम को अपनी सेवा लम्बे समय तक दे सकेगें। धोनी के जाने के बाद रिक्त हुए स्लॉट के लिए टीम संयोजन को एक ऐसा ही बल्लेबाज चाहिए भी जो किसी भी क्रम पर खेल सके और उसमे खेल को मोड़ने की क्षमता हो। पंत में ऐसी क्षमता है तो जरूर लेकिन अभी ऐसा करने की दक्षता वो खुद में विकसित नहीं कर सके हैं। टीम मैनेजमेंट अभी तक इस बात पर यकीन करती दिख रही है कि पंत आने वाले दिनों में धोनी के अच्छे विकल्प साबित होंगे, इसलिए उनपर दांव लगाया जा रहा है। उन्हें तरजीह भी दी जा रही है और टीम में मौके भी।
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