1. बाबा अपराजित
ये वही खिलाड़ी है जिसपर कभी चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भरोसा जताते हुए अपनी टीम में शामिल किया था। धोनी आईपीएल 2012 के लिए बाबा को फेरवेट खिलाड़ी मानते थे, पर बाबा अपराजित केवल डग आउट में बैठकर माैका मिलने का इंतजार करते रहे जो नहीं मिला। बाबा अपराजित उन खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने अंडर 19 विश्व कप के कारण सुर्खियां बटोरी थीं। आईपीएल 2012 में, वह उन्मुक्त चंद की अगुवाई वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उन्होंने भारत के चैंपियन बनने में अहम भूमिका निभाते हुए 171 रन बनाए थे और 5 विकेट लिए थे। क्वार्टरफाइनल में पाकिस्तान और सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ वह मैन ऑफ द मैच रहे थे। विश्व कप से कुछ महीने पहले ही उन्होंने 17 साल की उम्र में तमिलनाडु के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया था। इसलिए, उसके बाद से अपराजित सभी के ध्यान में आने लगे। वह घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु का नियमित सदस्य है। हालांकि, आईपीएल में इस ऑलराउंडर को कोई भी माैका नहीं मिला। वह कुछ आईपीएल टीमों का हिस्सा रहे हैं, लेकिन प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं रह सके। बाबा अपराजित चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और राइजिंग पुणे सुपरजायंट (RPS) का हिस्सा रहे हैं। उनका घरेलू क्रिकेट में एक अच्छा रिकॉर्ड है। अपराजित को अगर आईपीएल में खेलने का माैका मिलता तो शायद आज वो भी अन्य क्रिकेटरों की तरह नाम कमाते लेकिन इस खिलाड़ी के लिए आईपीएल अशुभ साबित हुआ।
2. बेन कटिंग
आईपीएल में जिस दूसरे खिलाड़ी की किस्मत सबसे खराब रही वो हैं आस्ट्रेलिया के बेन कटिंग। बड़ी हैरानी वाली बात है कि यह तूफानी खिलाड़ी आईपीएल में माैके पाने के बावजूद भी छाप नहीं छोड़ सका। उन्होंने कुल 21 मैच खेले जिसमें कुल 238 रन ही उनके बल्ले से निकले। कटिंग ने 2014 में राजस्थान रॉयल्स के लिए अपना आईपीएल डेब्यू किया लेकिन उस सीजन में वह सिर्फ 1 ही मैच थे सके। 2016 और 2017 में, वह सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) का हिस्सा थे। लेकिन इस दाैरान भी वह 4-4 मैच खेल सके, जिसमें फ्लाॅप साबित हुए। सीजन 2018 में कटिंग को काैन खरीदेगा यह सवाल था लेकिन मुंबई इंडियंस ने उन्हें खरीद लिया। उम्मीद थी कि मुंबई जैसी धाकड़ टीम में आकर बेन कटिंग का रंग बदलेगा पर यहां भी उनका बल्ला शांत रहा। 2018 में उन्हें कई माैके मिले लेकिन वह 9 मैचों में 96 रन ही बना सके। वहीं 2019 में खेले 3 मैचों में उन्होंने 18 रन बनाए। अब आईपीएल 2020 के लिए मुंबई ने बेन कटिंग को अपनी टीम से रिलीज कर दिया था। नीलामी हुई तो उन्होंने अपना बेस प्राइज 75 लाख रखा, लेकिन किसी भी फ्रेंचाइजी ने उन्हें खरीदना सही नहीं समझा। इस तरह, बेन कटिंग को आईपीएल के इतिहास में सबसे बेकार खिलाड़ियों में गिना जा सकता है।
3. शाहबाज नदीम
शाहबाज नदीम न केवल आईपीएल में अनलकी खिलाड़ियों में से एक हैं, बल्कि सामान्य रूप से भारतीय क्रिकेट में भी। वह घरेलू क्रिकेट में काफी पाॅपुलर रहे हैं और शायद ही कोई ऐसा समय रहा हो जब हमें कोई स्पॉटलाइट मिली हो। भारतीय टीम के लिए भी कभी ऐसी उम्मीदें जागीं थी कि ये स्पिनर आने वाले समय राष्ट्रीय स्तर पर काम आएगा। लेकिन इनकी किस्मत भी आईपीएल में खराब रही। नदीम ने 2011 में अपना आईपीएल डेब्यू किया। वह साल 2011 से लेकर साल 2018 दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेल। इसके बाद वह सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) में शामिल हुए। यानि की ये स्पिनर अभी तक लगातार 9 सीजन खेल चुका है, लेकिन हर सीजन में अपनी धाक जमाने में नाकाम रहा। कई माैके पाने के बावजूद शहबाज खुद को बेस्ट साबित नहीं कर सके। अबतक खेले 64 आईपीएल मैचों में वह सिर्फ 42 विकेट ही निकाल सके हैं।
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4. नाथू सिंह
2015-16 के रणजी सत्र में नाथू सिंह ने सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने तब राजस्थान के लिए पहली पारी में दिल्ली के खिलाफ 87 रन देकर 7 विकेट निकाले थे। मुंबई इंडियंस ने 2016 में आईपीएल नीलामी में आश्चर्यजनक रूप से 3.2 करोड़ रुपए खर्च किए थे। हालांकि, नाथू की किस्मत रही खराब क्योंकि मुंबई ने उन्हें डेब्यू करने का कोई माैका नहीं दिया। फिर अगले ही सीजन में उन्होंने गुजरात लायंस के लिए खेलते हुए आईपीएल की शुरुआत की। गुजरात ने उन्हें 2 मैच खेलने को दिए। उन्होंने दो मैचों में चार ओवर फेंके और सिर्फ 15 रन दिए और एक विकेट लिया। नाथू को माैके मिलते तो वह रंग बिखेर सकते थे लेकिन माैके नहीं मिले।आज भी नाथू का टी 20 रिकॉर्ड 19 मैचों में 30 विकेटों पर है। लेकिन आईपीएल में बिकने के बावजूद माैके ना पाने के कारण नाथू सुखियां बटोरने में असमर्थ रहे।
5. इयोन मॉर्गन
भला काैन मान सकता है कि आईपीएल में 50 से ज्यादा मैच खेलने वाला खिलाड़ी आईपीएल में ना चमका हो। पर ऐसा है। इंग्लैंड के इयोन मोर्गन के लिए आईपीएल खेलना सही नहीं बैठा। 6 सीजन खेल चुका ये खिलाड़ी 52 मैचों में सिर्फ 854 रन ही बना सका है। उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने आईपीएल 2010 में 220,000 में खरीदा था। हालांकि, वह उस सीजन में सिर्फ छह मैचों में खेले थे, जिसमें निकले सिर्फ 35 रन। लेकिन 2011 और 2013 में, मॉर्गन को कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) में बहुत अधिक अवसर मिले। वास्तव में, उन्होंने दो सत्रों में 26 खेल खेले, पर फिर भी फ्लाॅप। 2015 और 2016 में, वह सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) टीम का हिस्सा थे। उन्होंने शालीनता से प्रदर्शन किया लेकिन 2017 में, SRH ने उन्हें बाहर करने का फैसला ले लिया। किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) ने उन्हें 2017 में खरीदा जहां भी वो नाकाम साबबित हुए। साल 2018-19 का सीजन वो नहीं खेल सके। अब देखा है कि क्या वो 2020 आईपीएल में नजर आ पाएंगे या नहीं।