भारत के खिलाफ बल्लेबाज कर जाते हैं फार्म वापसी
अगर न्यूजीलैंड की टीम को ध्यान से देखा जाए तो कप्तान केन विलियसमन को छोड़कर बाकी बल्लेबाज निरंतर एकसमान प्रदर्शन करने में नाकामयाब रहे हैं। यह भारत के लिए वरदान भी साबित हो सकता है और अभिश्राप भी, क्योंकि इतिहास और आंकड़े इस बात के गवाह रहे हैं कि जब कोई बल्लेबाज कहीं नहीं चलता तो वह भारत के खिलाफ खेलकर बड़ा स्कोर कर जाता है। इस बात के सबसे ताजे और बड़े उदाहरणों में जॉनी बेयरस्टो का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। यह बल्लेबाज इस विश्व कप में भारत के खिलाफ होने वाले मैच से पहले 7 मैचों में केवल 245 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था। लेकिन लगता है जैसे बेयरस्टो को भारतीय गेंदबाजों का ही इंतजार था। उन्होंने भारत के खिलाफ 111 रन ठोककर ना केवल टूर्नामेंट में अपना शतक जमाया बल्कि इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में भी 106 रन कूटकर जबरदस्त फार्म वापसी कर ली। अब बेयरस्टो के नाम 9 मैचों में 2 शतकों के साथ 462 रन हो चुके हैं। न्यूजीलैंड के बड़े बल्लेबाज रॉस टेलर और मार्टिन गुप्टिल भी कुछ इसी ताक में होंगे।
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अभी तक शांत रहा है कीवी बल्लेबाजों का बल्ला
टेलर ने जहां 7 पारियों में केवल 261 रन बनाए हैं तो वहीं गुप्टिल की हालत और भी बदतर है। उन्होंने 8 पारियों में केवल 166 रन बनाए हैं। कुछ-कुछ गुप्टिल जैसी हालत श्रीलंका के अनुभवी बल्लेबाज एंजेला मैथ्युज की भी थी। उन्होंने भारत के खिलाफ अंतिम लीग मैच खेलने से पहले 6 पारियों में केवल 131 रन बनाए थे। वे श्रीलंका के सबसे अनुभवी बल्लेबाज होने के बावजूद विश्व कप में बुरी तरह से संघर्ष करते हुए नजर आए। लेकिन जैसी ही भारत का मैच आया तो मैथ्यूज अलग ही रंग में नजर आए। उन्होंने भारतीय गेंदबाजी का बखूबी लुप्फ उठाते हुए विश्व कप में अपना शतक जड़ दिया और 113 रन बनाए। मैथ्यूज की तर्ज पर ही न्यूजीलैंड के मध्यक्रम में कई ऐसे बल्लेबाज हैं जिनका बल्ला अभी तक बिल्कुल शांत रहा है।
रॉस टेलर को रोकना होगा
इनमें कॉलिन मुनरो, टॉम लॉथम और कोलिन डि ग्रेंडहोम जैसे बड़े नाम लिए जा सकते हैं। मुनरो और ग्रेंडहोम ने 6-6 पारियों में अब तक क्रमशः 125 और 158 रन ही बनाए हैं। लॉथम ने 7 पारियां खेली हैं और मात्र 98 ही रन उनके खाते में हैं। लेकिन इनमें भी सबसे बड़ा खतरा टीम इंडिया के लिए रॉस टेलर लग रहे हैं। यह इस अनुभवी कीवी बल्लेबाज का अंतिम ODI विश्व कप है। ऐसे में वह नहीं चाहेंगे कि 9 जुलाई को होने वाला मैच उनका अंतिम विश्व कप मैच बन जाए। उन्होंने 226 ODI मैचों में अब तक 47.90 की औसत से 8,287 रन बनाए हैं जिसमें 20 शतक शामिल हैं। यह खिलाड़ी भारतीय गेंदबाजी को पसंद भी करता रहा है। अगर भारत को यह मैच जीतना है तो टेलर को जमने से रोकना होगा। क्योंकि मौजूदा फार्म चाहे जो कहती हो लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि भारतीय गेंदबाज किसी ना किसी बल्लेबाज के लिए फार्म वापसी के रास्ते भी खोलती आई है।
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