नई दिल्ली। असल में वो खिलाड़ी भी महान है जो क्रिकेट से प्यार करते हुए घरेलू मैदान पर भी खेलना पसंद करता हो ना कि राष्ट्रीय टीम के लिए। ज्यादातर नए क्रिकेटरों का यही सपना बना रहता है कि वो अच्छे प्रदर्शन के दम पर जल्द भारतीय टीम में जगह बना लें। लेकिन सलामी बल्लेबाज मुरली विजय का ऐसा मानना नहीं है। हालांकि, विजय टीम के लिए कई मैच खेल चुके हैं, लेकिन जब वो बाहर हैं तो उन्हें इसका अफसोस नहीं है। 35 वर्षीय मुरली विजय का कहना है कि वो जुनून के लिए खेलते हैं ना कि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए।
विजय ने अपना आखिरी टेस्ट मैच दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। इसके बाद उन्हें वापसी का माैका नहीं मिला। इसपर विजय ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा 'मैं क्रिकेट गर्व और जुनून के लिए खेलता हूं। मैं भारत या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के बारे में नहीं सोच रहा। मेरा फंडा उच्च स्तरीय क्रिकेट खेलना है। तो कोई भी क्रिकेट मेरे लिए अच्छा है।' विजय भारत के लिए 61 टेस्ट मैच खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 12 शतक के साथ 3982 रन बनाए हैं। उन्होंने नबंवर 2008 में डेब्यू किया था।
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इस बल्लेबाज ने आगे कहा 'मैं बीते 15 साल से यही करता आया हूं। और मेरी इस सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। बेशक, अधिक खेलने से आपको अधिक खेलने से आपको अनुभव और अधिक मौके मिलते हैं।' वहीं टीम में वापसी को लेकर उन्होंने कहा 'बेशक, मैंने अपने सपनों की कोई सीमा तय नहीं की है। मैंने चार बार भारतीय टीम में वापसी की है और मुझ पर इसे लेकर कोई दबाव नहीं है। मुझे वापसी का रास्ता पता है और मैं किसी भी टीम के लिए खेलूं उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान करना चाहता हूं। मैं क्रिकेट में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं।'