1998 में दो टीमें गई थी खेलने
वर्ष 1998 में जब कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया गया तो पहली बार क्रिकेट को भी इसमे जगह दी गई थी। कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन 1998 में मलेशिया के कुआलालंपुर में हुआ था, लेकिन उस वक्त भारत की टीम पाकिस्तान के खिलाफ कनाडा के टोरंटो में पांच वनडे मैचों की सीरीज खेल रही थी। लिहाजा भारतीय टीम का उस समय कॉमनवेल्थ गेम्स में शिरकत कर पाना संभव नहीं है। ऐसी परिस्थिति में बीसीसीआई ने दूसरी भारतीय टीम को अजय जडेजा की अगुवाई में मलेशिया भेजा था।
जडेजा की अगुवाई में टीम नंबर-1
कॉमनवेल्थ गेम्स में जो भारतीय टीम खेलने के लिए गई थी उसके कप्तान अजय जडेजा थे जबकि श्रीकांत टीम के कोच थे। हालांकि उस वक्त भारत की इस दूसरी टीम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। आइए डालते हैं एक नजर उस टीम पर जो मलेशिया जडेजा की कप्तानी में खेलने के लिए गई थी। हालांकि यह टीम कमजोर नहीं थी लेकिन बावजूद इसके भारतीय टीम को जीत नहीं मिली और दक्षिण अफ्रीका की टीम ने गोल्ड मेडल जीता था।
अजय जडेजा (कप्तान), वीवीएस लक्ष्मण, निखिल चोपड़ा, रॉबिन सिंह, सचिन तेंदुलकर, गगन खोड़ा, एमएसके प्रसाद, देबाशीष मोहंती, अमय खुरेसिया, राहुल सांघवी, हरभजन सिंह, रोहन गावस्कर, पारस माम्ब्रे, अनिल कुंबले (उपकप्तान)
अजहर की कप्तानी में टीम नंबर-1
वहीं जिस वक्त कॉमनवेल्थ गेम्स हो रहे थे उस भारत की सीनियर टीम कनाडा में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज खेल रही थ। इस टीम की कप्तानी मोहम्मद अजहरुद्दीन कर रहे थे। इस सीरीज में भी भारत को पाकिस्तान के खिलाफ हार का मुंह देखना पड़ा था। अजहरुद्दीन की अगुवाई में टीम इंडिया के कई चर्चित सितारे टीम में थे, लेकिन बावजूद इसके टीम कुछ खास नहीं कर पाई। आइए डालते हैं इस टीम पर एक नजर
मोहम्मद अजहरुद्दीन, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, नवजोत सिंह सिद्धू, ऋषिकेष कानितकर, नयन मोंगिया, जतिन परांजपे, सुनील जोशी, अजित अगरकर, वेंकटेश प्रसाद,जवागल श्रीनाथ, संजय रौल