नई दिल्ली: भारत के युवा उभरते हुए सलामी बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल इस समय हॉट टॉपिक की तरह से चर्चाओं में हैं। यशस्वी ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में नाबाद 105 रनों की पारी खेल भारत को सातवीं बार फाइनल में पहुंचाया। साथ ही पांचवीं बार खिताब हासिल करने की उम्मीद जताई।
मयंक के बेहतरीन प्रदर्शन की कायल कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी भी हो गईं हैं। प्रियंका ने एक न्यूज वेबसाइट की खबर को शेयर करते हुए ये ट्वीट किया है-
" यशस्वी उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के रहने वाले हैं और दशरथ मांझी की कहावत "जब तक तोड़ेगे नहीं, तब तक छोड़ेगे नहीं" को चरितार्थ कर रहे हैं।
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अपने नाम के अनुसार यश फैला रहे हैं। बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।"
यशस्वी जायसवाल ने आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए नाबाद 105 रनों की पारी खेली। इस दौरान जायसवाल ने 113 गेंदों का सामना किया और 8 चौके और 4 छक्के की बदौलत नाबाद 105 रन बनाये।
यशस्वी उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के रहने वाले हैं और दशरथ मांझी की कहावत "जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं" को चरितार्थ कर रहे हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 6, 2020
अपने नाम के अनुसार यश फैला रहे हैं। बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।https://t.co/xracaENYMB
मैच के बाद बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, 'यह मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। मैंने अपने देश के लिए जो किया, उससे मैं काफी खुश हूं। मैं इसे शब्दों में बयां नहीं करता। मैं यह बात कभी नहीं भूल सकता कि मैंने पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में शतक लगाया।'
यशस्वी जायसवाल के पिता भूपेंद्र जायसवाल जो कि एक छोटी हार्डवेयर स्टोर की दुकान चलाते हैं ने मैच के बाद कहा कि उनका पूरा परिवार टीवी पर मैच देख रहा था। इस प्रदर्शन के बाद उनका परिवार भावुक है।
यशस्वी का एक समय ऐसा भी था जो किसी को भी मोटिवेट करने के लिए काफी है। बुरे वक्त का सामना करना कैसे आगे बढ़ना, ये सब यशस्वी ने बढ़ते समय के साथ-साथ अच्छे से सीख लिया। जब वह 2012 में मुंबई आए, तब वह सिर्फ 11 साल का थे और शहर में रहने के लिए कहीं जगह नहीं थी। जैसे तैसे इस खिलाड़ी ने संघर्ष करके अपनी राह यहां तक बनाई।