आईपीएल में अच्छा करूंगा तो सफेद गेंद क्रिकेट खेल पाऊंगा- उमेश
यहां उमेश यादव आने वाले वर्ल्ड कप को अपने लिए अहम मानते हैं जो कि टी-20 फॉर्मेट में भारत में साल के अंत में होने जा रहा है। उमेश यादव का कहना है कि यदि वे आईपीएल में अच्छा करते हैं और फिट रहते हैं तो उसके बाद वर्ल्ड कप के लिए एक दावेदार के तौर पर चयनकर्ताओं के सामने उपस्थित हो सकते हैं।
यादव आगे कहते हैं, "तो मेरा लक्ष्य इस समय आईपीएल में बढ़िया प्रदर्शन करना है। इसके अलावा आपको तेज गेंदबाजों की मौजूदा खेंप से भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा जो नेशनल टीम का हिस्सा है।"
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'2-3 साल और इसी लय से बॉलिंग कर सकता हूं'
उमेश यादव को एक मजबूत कद काठी का गेंदबाज माना जाता है हालांकि उनकी गति अब पहले की तुलना में थोड़ी कम हो गई है। उमेश इस समय 33 साल के हैं और वह 2 या 3 साल तक और अपने शरीर को खींचना चाहते हैं। करियर में 48 टेस्ट मैच खेल चुके उमेश यादव कहते हैं कि, जहां तक मेरे कैरियर के बाकी हिस्सों के बारे में बात है तो मैं ईश्वर का धन्यवाद अदा करता हूं कि बहुत ज्यादा चोटिल नहीं हुआ हूं। तेज गेंदबाज के लिए यह संतुष्टि वाली बात है क्योंकि पेसर को जब चोट लगती है तो उसके बाद आप संघर्ष आना शुरू कर देते हैं। लेकिन मुझे काफी कम समय चोट के चलते कमाना पड़ा है और इस वजह से अपना करियर में लंबा खींच पाया हूं।
इसके अलावा उमेश यह भी कहते हैं कि उन्होंने अपनी गति को लेकर कोई खास समझौता नहीं किया है। वे कहते हैं, "मैं 33 साल का हूं और आने वाले 2 या 3 सालों तक इसी लय के साथ खेल सकता हूं इसके अलावा कुछ युवा है जो आ रहे हैं और मैं मानता हूं कि इस तरह की प्रतियोगिता टीम के लिए हेल्दी है।"
उमेश के सामने युवा पेश कर रहे तगड़ा कंपटीशन
हालांकि उमेश यादव के लिए समय इतना ज्यादा आसान नहीं है क्योंकि टेस्ट मैचों में भी भारत के पास इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह हैं जिनको पहले लिया जाता है और फिर मोहम्मद शमी भी है जो भले ही चोटिल है लेकिन टीम के मुख्य गेंदबाज हैं। साथ ही नई गेंदबाजों की खेंप में मोहम्मद सिराज ने प्रभावित किया है, नवदीप सैनी के पास कुछ गति है और शार्दुल ठाकुर भी काफी अच्छे विकल्प के तौर पर उभर रहे हैं।
उमेश यादव की ताकत भारतीय उपमहाद्वीप में खेलते हुए उनके गेंदबाजी रही है और वे इस बात को बखूबी जानते हैं इसलिए वह कहते हैं मुझे लगता है कि मैंने एशिया में खेलते हुए जो लाइन और लेंथ जरूरी होती है उस पर काम किया है और वह हासिल कर ली है।
उमेश कहते हैं कि, जब बॉल पुराना हो जाता है तो भारत में रिवर्स स्विंग होने के चांस रहते हैं और मेरा ध्यान वहीं पर रहता है। यह केवल एक खास लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करने के जैसा है जोकि ओवरसीज में बॉलिंग करने की तुलना में थोड़ा अलग है।