अथर्व का शानदार प्रदर्शन-
अथर्व ने अपनी फिरकी के जाल में बांग्लादेशी खिलाड़ियों को ऐसा नचाया कि पूरी टीम सिर्फ 101 रनों पर आउट हो गई। अथर्व को उनके प्रदर्शन के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया। इसके अलावा आकाश सिंह ने भी तीन विकेट झटके। लेकिन अंकोलकर की कहानी यहां से शुरू नहीं होती है बल्कि यह एक प्रेरणादायक और संघर्ष भरी कहानी का एक खूबसूरत पड़ाव है। अब उम्मीद की जाती है कि अंकोलकर की उड़ान प्रतिभा और मौकों के पंख लगाकर यहां से ऊंची दूरी तय करेगी। अथर्व की चर्चा अंडर-19 टीम में चुनने के दौरान भी काफी हुई थी। अथर्व के पिता नहीं हैं और उनकी माता मुंबई में एक बस कंडेक्टर हैं। अथर्व के पिता विनोद का देहांत जब हुआ था तब अथर्व की उम्र केवल 9 साल की थी।
11 साल की उम्र में सचिन से वो मुलाकात-
क्रिकेट की दुनिया में जिस कारनामे को करने के लिए पूरी दुनिया के गेंदबाज तरसते थे, वह उपलब्धि अथर्व अनकोलेकर ने महज 11 साल की उम्र में ही हासिल कर ली थी। उस समय महज 4 फिट लंबा ये बाए हाथ ये बाए हाथ का स्पिनर एक अभ्यास मैच के दौरान सचिन तेंदुलकर का विकेट लेने में कामयाब हुआ था। सचिन इस गेंदबाज से इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने उस समय उसको अपने साइन किए हुए गलव्स भेट किए थे। उस घटना के लगभग 8 साल बाद अथर्व एक बार फिर से चर्चाओं में हैं।
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सबसे ज्यादा विकेट भी लिए-
अथर्व बी.कॉम सेकंड ईयर के छात्र हैं और अंडर-19 टीम में चयन होने से पहले अथर्व ने भारत बी अंडर-19 टीम की ओर से केवल तीन ही मैच खेले हैं। ये मैच उन्होंने इसी साल मार्च में खेले हैं। अथर्व मुंबई के रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स के सेकेंड ईयर स्टूडेंट हैं। टीम में चयन होने के बाद अथर्व ने पिता को याद किया था, 'मैं अभी अपने पिता को मिस कर रहा हूं। जब मैं बच्चा था तब वे मेरे अच्छे प्रदर्शन पर मुझे क्रिकेट बैट, गलव्स और हेलमेट गिफ्ट किया करते थे ताकि मैं खेल सकूं। मैं इन सबको मिस करता हूं। अब मैं कठिन मेहनत करूंगा और टीम इंडिया के लिए खेलूंगा।' बता दें कि अथर्व ने एशिया कप अंडर-19 में कुल 12 विकेट झटके। वह इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।