नई दिल्ली। किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन ने सोमवार को हुआ आईपीएल टूर्नामेंट के चाैथे मुकाबले में राजस्थान राॅयल्स के ओपनर जोस बटलर को मांकडिंग तरीके आउट किया। इसके बाद बटलर तो गुस्से में दिखे लेकिन सोशल मीडिया पर भी अश्विन निशाने पर आ गए थे। लेकिन नियम के अनुसार अश्विन ने जो भी किया सही किया। यह मामला अश्विन-बटलर के बीच गर्माया लेकिन इसके अलावा पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीनू मांकड के बेटे राहुल मांकड भी गुस्से में आए हैं। उन्होंने कहा कि इसे 'मांकडिंग' कहना गलत है। ऐसा करके मेरा पिता का नाम बार-बार घसीटा जा रहा है। बता दें कि भारत के लिए 44 टेस्ट खेलने वाले महान वीनू मांकड का निधन 1978 में 61 वर्ष की उम्र में हो गया था।
राहुल ने 'मुंबई मिरर' से कहा कि रन आउट होने की यह विधा क्रिकेट के नियमों के भीतर है। ऐसा नहीं था कि मेरे पिता ने इसे पहली बार किया था, या यह बाद में नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार थे, जिन्होंने इस शब्द (40 के दशक के दौरान) को गढ़ा था। आईसीसी के अनुसार, इस तरह के आउट को रन आउट कहा जाता है और इसे यही कहा भी जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यही उचित भी है। बता दें कि राहुल मांकड़, वीनू के एकमात्र जीवित पुत्र हैं, जिन्हें बल्लेबाजों के इस तरह आउट करने के लिए काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया जाता है।
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राहुल ने इस बारे में कहा कि मैंने इस बारे में सुनील गावस्कर, चैपल भाइयों और माइकल होल्डिंग सहित कई महान क्रिकेटरों से इस बारे में बात की। उन्हें बल्लेबाज को आउट करने की इस विधा से कोई दिक्कत नहीं है।' साथ ही उन्होंने अपने पिता का नाम बार-बार लिए जानें पर इसे दुर्भाग्पूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह किसी भी बल्लेबाज के रन आउट होने पर मेरे पिता का नाम लिया जाता है। उन्होंने बताया कि मेरे पिता को बिल ब्राउन को इस तरह आउट करने पर खेद था। जब मैं ब्राउन से उनके निधन से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया में मिला तो उन्हें इस मामले पर कोई आपत्ति नहीं थी।