नई दिल्ली। 90 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद अहम खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। उन्होंने जवागल श्रीनाथ के साथ मिलकर तब टीम का पेस अटैक मजबूत किया था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद बताैर कोच के रूप में अपना करियर आगे खींचा। वह 2006 में वो अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान अंडर-19 टीम के कोच थे। हालांकि तब टीम फाइनल में हार गई थी, लेकिन इस दाैरान उन्होंने उन तीन खिलाड़ियों की पहचान की जो आज टीम इंडिया के लिए अहम साबित होते हैं।
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वेंकटेशन प्रसाद ने बताया कि 2006 में ही उन्होंने रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और पीयूष चावला को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को एक खत लिखा था। ये तीनों खिलाड़ी प्रसाद के अंडर में रहकर क्रिकेट के गुर सीख पाए थे। अब प्रसाद ने 14 साल बाद एक बार फिर कोचिंग के दिनों को या दकरते हुए फैनकोड से कहा, 'मुझे इन तीनों खिलाड़ियों के टैलेंट और उनकी काबिलियत पर कोई शक नहीं था। मुझे पता था कि यह बहुत लंबा सफर तय करने जा रहे हैं। यहां तक कि, जब अंडर-19 वर्ल्ड कप (2006) खत्म हो गया था तो मैंने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई को लिखा था कि इन खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी या जोन मैचों में खेलने का मौका मिलना चाहिए।' बता दें कि रोहित अब तीनों फाॅर्मेट के बड़े खिलाड़ी हैं जबकि पुराजा टेस्ट के भरोसेमंद खिलाड़ी हैं। वहीं चावला टीम से कई सालों से जगह गंवा बैठे हैं।
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इसके अलावा प्रसाद ने जडेजा को लेकर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा, 'रविंद्र जडेजा में निश्चित रूप से प्रतिभा थी और उन्हें जो करना था वो अपनी क्षमता पर, अपने कौशल पर और अधिक फोकस करने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत थी।' लार पर बैन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तेज गेंदबाजों के लिए यह काफी अहम मुद्दा है। प्रसाद ने कहा, 'हां, मुझे लगता है कि गेंदबाजों, तेज गेंदबाजों और खासकर स्पिनरों के लिए यह अहम हो गया है। इसलिए अब आपको गति से और 140 या 145 से ज्यादा की रफ्तार से गेंदें फेंकने की जरूरत है।'