नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने विराट कोहली और साैरव गांगुली की कप्तानी में अंतर स्पष्ट किया है। उनका मानना है कि गांगुली अपने समय वैसी आक्रामकता मैदान पर नहीं दिखाई जैसी कोहली दिखाते हैं। गांगुली की कप्तानी में भारत 2002 में आईसीसी विश्व कप के फाइनल तक पहुंचा था जबकि कोहली की कप्तानी में भारत अभी तक कोई बड़ा टूर्नामेंट जीतने से दूर है।
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इसके अलावा वेंकटेश ने दोनों कप्तानों की एक समानता भी बचाई। उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है गांगुली और कोहली दोनों एक ही लाइन पर चलते हैं, क्योंकि गांगुली ने भी उस समय कप्तानी संभाली थी, जब भारतीय क्रिकेट में बहुत कुछ नकारात्मक चल रहा था। यह दोनों की पहली साम्यता है।''
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गांगुली ने आगे कहा, ''इन दोनों में दूसरी समानता यह है कि दोनों ने ही टीम का कायाकल्प किया। सौरव ने सही अर्थों में टीम का कायाकल्प किया। इसके लिए नेतृत्व की बड़ी क्षमताएं चाहिए। सौरव ने यही दिखाया। उनमें चमत्कारी नेतृत्व क्षमताएं थीं। उन्होंने कप्तान और खिलाड़ी के रूपमें नए मानक स्थापित किए, लेकिन कुछ कमियां भी थीं। सौरव की फिटनेस, उनकी फील्डिंग क्षमताएं, लेकिन कौन है जिसमें कमियां नहीं हैं। उस समय टीम को एक अच्छे लीडर की जरूरत थी। सौरव ने दिखाया कि अच्छा लीडर क्या कर सकता है। उन्होंने पूरी टीम का कायाकल्प कर दिया।''