नागपुर: रणजी चैम्पियन विदर्भ ने शेष भारत एकादश को पहला पारी में मिली बढ़त के आधार पर ईरानी ट्राॅफी को दूसरी बार अपने नाम कर लिया। इसी के साथ विदर्भ की टीम कर्नाटक के बाद दूसरी ऐसी टीम बन गई है जिसने सफलतापूर्वक रणजी ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी में अपने खिताब का बचाव किया है। विदर्भ के कप्तान फैज फजल ने विदर्भ क्रिकेट संघ की से इस खिताबी जीत से मिलने वाली 10 लाख रुपए की पुरस्कार राशि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमलों के शहीद सीआरपीएफ जवानों के परिवारों को समर्पित करने का फैसला किया है।
मैच पांचवें दिन तक पहुंचा लेकिन विदर्भ ने पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर खिताब अपने नाम किया। विदर्भ ने लगातार दूसरी बार यह गोल्डन डबल पूरा किया है। बीते सीजन में भी उसने यह खिताब जीता था। विदर्भ ने पहली पारी में अक्षय कर्णेवर(102) के शतक की बदाैलत पहली पारी में 425 और दूसरी पारी में गणेश सतीश (87) और अथर्व टाइडे (72) के अर्धशतकों की मदद से 5 विकेट पर 269 रन बनाए। वहीं शेष भारत ने पहली पारी में 330 और दूसरी पारी में 3 विकेट पर 374 रन बनाए। मैच के हीरो कर्णेवर रहे जिन्होंने शतक के साथ-साथ शेष भारत का एक विकेट भी झटका
मैन ऑफ द मैच अक्षय ने कहा, 'काफी अच्छा लग रहा है कि हम लगातार दूसरी बार रणजी ट्रॉफी और ईरानी कप जीतने में कामयाब रहे हैं. ईरानी कप में एक मजबूत टीम के खिलाफ पहला शतक लगाना मेरे लिए बेहद खास रहा।' वहीं हार के बाद शेष भारत एकादश के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने विदर्भ की तारीफ करते हुए कहा, 'मैं विदर्भ को बधाई देना चाहता हूं। रणजी ट्रॉफी के बाद ईरानी कप जीतना आसान नहीं है। रणजी की सभी टीमों को उनसे सीखना चाहिए। हमारे पास मौके थे लेकिन हमने पहली पारी में 100 रन के अंदर आठ विकेट गंवा दिए. लेकिन विदर्भ ने अच्छा प्रदर्शन किया।'
हनुमा विहारी ने जीता दिल
शेष भारत भले ही हार गया हो, लेकिन उनके आलराउंडर हनुमा विहारी ने अपनी बल्लेबाजी से सबका दिल जीत लिया। विहारी ने पहली पारी में 114 जबकि दूसरी पारी में नाबाद 180 रनों की पारी खेली। दोनों पारियों में शतक लगाकर वह ईरानी कप में लगातार दो शतक बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी और लगातार तीन शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने है। उनसे पहले लगातार दो शतक बनाने की उपलब्धि शिखर धवन (2011-12) को हासिल थी।