नई दिल्ली। शनिवार को एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजय हजारे ट्रॉफी का फाइनल दिल्ला और मुंबई के बीच खेला गया।टॉस जीतकर मुंबई ने पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। दिल्ली की शुरुआत अच्छी नहीं रही और महज 21 रन पर ही दिल्ली के तीन बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। तीन विकेट गिर जाने के बाद दिल्ली की पारी को नीतीश राणा और ध्रुव शोरे ने संभाला। लेकिन यह साझेदारी थोड़े ही देर के लिए रही इसके बाद नीतीश राणा 13 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। उनके पवेलियन लौटने के बाद ध्रुव शोरे को आदित्य तारे ने स्टंप आउट किया। इसके बाद दिल्ली की पारी लगातार लड़खड़ती चली गई। पूरी टीम 177 पर ऑल आउट हो गई। इसके बाद लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुंबई की टीम भी शुरुआती झटकों के बाद संभल पाई।
पहले ओवर में ही मुंबई को पृथ्वी शॉ के रूप में बड़ा झटका लगा। मुंबई को 100 रन पर ही 4 झटके लग गए जिसके बाद मैच रोमांचक मोड़ पर आ गया लेकिन कुछ देर बाद ही विकेट का जल्दी-जल्दी गिरना बंद हुआ और मुंबई ने मैच पर पकड़ बना ली। और अंत में मैच 4 विकेट से जीतकर तीसरी बार खिताब अपने नाम किया।हैदराबाद को मात देकर फाइनल में आने वाली मुंबई ने 2003-2004 और 2006-2007 में यह खिताब जीता था। दिल्ली ने 2012-13 में खिताब पर कब्जा जमाया था। उसने झारखंड को रोचक मुकाबले में शिकस्त देकर फाइनल की राह तय की है।
2015-16 में दिल्ली की टीम फाइनल में पहुंची थी, लेकिन गुजरात से हार गई थी। मुंबई भी 2011-12 में उपविजेता रह चुकी है। दोनों टीमों पर नजर डाली जाए तो मैच में मुंबई का पलड़ा भारी माना जा रहा था।