नई दिल्लीः पृथ्वी शॉ ने भारतीय टीम में वापसी के लिए अपना दावा मजबूत कर दिया है क्योंकि उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में कमाल का प्रदर्शन जारी रखा है। पृथ्वी शा ने पहले ही मयंक अग्रवाल के एक सीजन में बनाए गए सर्वाधिक रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया था। उन्होंने यह कारनामा कर्नाटक के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में किया था और अब उन्होंने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। वह ऐसे पहले क्रिकेटर बन गए हैं जिन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी के सिंगल एडिशन में 800 से ज्यादा रन बनाए हैं।
विजय हजारे ट्रॉफी भारत का वनडे टूर्नामेंट है। पृथ्वी शा इस प्रतियोगिता में मुंबई के कप्तान थे और उन्होंने रविवार को उत्तर प्रदेश के खिलाफ मुकाबले में यह उपलब्धि हासिल की। पृथ्वी शा ने केवल 39 गेंदों पर 73 रन बनाए। इसके साथ ही उन्होंने आठ मैचों में 827 रन इस प्रतियोगिता के दौरान बना लिए हैं। ऐसा लगता है कि पृथ्वी भारतीय टीम में वापसी के लिए अच्छे से कमर कस चुके हैं क्योंकि पिछले कुछ भारतीय मुकाबले उनके लिए ठीक नहीं गए थे।
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पृथ्वी के ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के दौरे खराब थे। लेकिन उन्होंने उत्तर प्रदेश के खिलाफ फाइनल मुकाबले में केवल 30 गेंदों पर शतक जड़ दिया। दाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज ने उत्तर प्रदेश के गेंदबाज शिवम मावी पर छक्का लगाकर अपना अर्धशतक पूरा किया। पृथ्वी शाह ने 10 चौके और 4 छक्के लगाए और अपनी पारी को सजाया।
इससे पहले माधव कौशिक और अक्षदीप नाथ के क्रमशः 158 और 55 रनों की पारी के दम पर उत्तर प्रदेश ने 4 विकेट के नुकसान पर 312 रन बना लिए थे। कौशिक द्वारा बनाए गए 158 रन विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में बनाए गए किसी भी बल्लेबाज के द्वारा सर्वाधिक है। इस सप्ताह की शुरुआत में पृथ्वी शाह ने महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था जो कि किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा लिस्ट ए मैच में चेज के दौरान बनाया गया है।
पृथ्वी ने 123 गेंदों पर 185 रनों की पारी खेली थी जो कि सौराष्ट्र के खिलाफ मंगलवार को आई थी। जबकि महेंद्र सिंह धोनी ने 2005 में श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 183 रन बनाए थे और विराट कोहली ने भी 2012 एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ 183 रन बनाए थे।