नई दिल्ली: वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया के चयन से नाखुश भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने चयनकर्ताओं को जो फटकार लगाई है उसकी गूंज क्रिकेट हलकों में गूंजनी शुरू हो गई है। गांगुली ने सभी फार्मेट में पूरी की पूरी अलग टीम खड़ी करने के बजाए ऐसे खिलाड़ियों को चुनने पर जोर दिया था जो ज्यादा से ज्यादा फार्मेट में खेल सके। गांगुली ने चयनकर्ताओं की ओर इशारा करते हुए यह भी लिखा था कि सब को खुश करने की बजाए देश के लिए बेस्ट खिलाड़ियों को चुने और अपने चयन में निरंतरता कायम रखें।
गांगुली के इस तीखी टिप्पणी पर क्रिकेट जगत दो खेमों में बंट गया है। जिसको जो समझ आ रहा है वह उस तरह से गांगुली के ट्वीट के मायने बता रहा है। इन सबके बीच एक बात तो साफ है कि गांगुली टीम इंडिया में ऐसे ज्यादा खिलाड़ी चाहते हैं जो टेस्ट, टी-20 और वनडे में एक साथ सकें। लेकिन भारत के पूर्व बल्लेबाज और सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त विनोद कांबली ने गांगुली की इस बात को नकार दिया है। कांबली ने कहा है- मैं विशेष काम को विशेष लोगों से कराने में यकीन रखता हूं।
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उन्होंने आगे कहा- हमको फार्मेट के हिसाब से बेस्ट खिलाड़ियों को चुनने की जरूरत है। ये टीम इंडिया को खिलाड़ियों को संभालकर रखने में मदद करेगा और हमारे खिलाड़ियों के बिग पूल में से अधिक से अधिक खिलाड़ियों का उपयोग बड़ी सीरीजों में हो सकेगा।' कांबली ने इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड का उदाहरण दिया। इन देशों की टीमें अलग-अलग फार्मेट में काफी हद तक अलग-2 होती हैं।
I believe in horses for courses.
— VINOD KAMBLI (@vinodkambli349) July 24, 2019
We need to choose the best players for the format & play them.
It will help #TeamIndia preserve players & with the big pool of players at our disposal, the mgmt can then utilize players for bigger series.
England & Australia are prime examples. https://t.co/wd9VKrBZmG
बता दें कि सौरव गांगुली ने वनडे टीम में कुछ खिलाड़ियों को जगह ना मिलने पर आश्चर्य जताया था। गांगुली ने इस मामले पर एक और ट्वीट करते हुए कहा था- टीम में कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं जो सभी फार्मेट में खेल सकते हैं..शुबमन गिल और अजिंक्य रहाणे को टीम में ना देखने से मुझे हैरानी हुई है।'