राजकुमार राव ने कहा- मेरे से की थी कोहली ने चर्चा
उन्होंने खुलासा किया कि कोहली ने उनसे इस बारे में बात की थी; उन्होंने कहा कि तीनों प्रारूपों में भारत जैसे क्रिकेट के दीवाने देश की कप्तानी करना किसी पर भी भारी पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, 'यह सोच-समझकर लिया गया फैसला है, उन्होंने इस बारे में मुझसे भी चर्चा की थी। तीन प्रारूपों में कप्तानी करने से खिलाड़ी दबाव में आता है और इसलिए उसने T20I कप्तानी से हटने का फैसला किया। हम इसके बारे में चर्चा कर रहे थे क्योंकि यह एक बड़ा मुद्दा है, मैं इसके बारे में निश्चित था। विराट को टेस्ट प्रारूप पसंद है और वह लंबे समय तक टेस्ट प्रारूप में भारत का नेतृत्व करना चाहेंगे और वनडे भी इसलिए उन्होंने दबाव कम करने के लिए टी20ई कप्तानी से हटने का फैसला किया।"
बढ़ती उम्र और बढ़ता वर्कलोड-
इससे पहले कोहली ने खुलासा किया था कि वह भारत के टी 20 कप्तान की भूमिका से हटने जा रहे हैं और उन्होंने कहा कि वह रोहित शर्मा और टीम के कोच रवि शास्त्री के साथ चर्चा के बाद निर्णय पर आए हैं।
कोहली के कप्तान छोड़ने के बाद कई तरह के कयास लगने लगे हैं लेकिन उनके पिछले कुछ सालों के बयान लगातार यह इशारा कर रहे थे कि जब कभी उनको लगेगा वे क्रिकेट को पूरी तरह इंजॉय नहीं कर पा रहे हैं तो कुछ ना कुछ फैसला लेंगे। कोहली का टेस्ट प्रेम देखकर ये पहले से तय है कि वे इस प्रारूप को सबसे अंत में अलविदा कहेंगे।
बड़ा सवाल- कोहली कब तक हैं सफेद गेंद क्रिकेट में कप्तान?
जो भी है, यह कोहली के प्रभुत्व वाले युग की समाप्ति की शुरुआत है क्योंकि लगातार तीन प्रारूपों में टॉप प्रदर्शन करना अच्छे-अच्छों के बूते की बात नहीं है। कोहली ने अभी तक यह काम बखूबी किया है लेकिन एक दो साल से उनकी बैटिंग में पहले की तुलना में कमी आई है। कोहली के लिए अब वनडे की कप्तानी में भी लंबे समय तक टिके रहना आसान नहीं होगा क्योंकि आम तौर पर स्पिलिट कप्तानी में सफेद गेंद क्रिकेट का कप्तान अलग और रेड गेंद क्रिकेट का अलग होता है। फिलहाल भारत के पास टेस्ट वनडे का कप्तान अलग होगा और टी20 का अलग। ऐसे में ताज्जुब नहीं कि बीसीसीआई चाहेगा कि भारत की कप्तानी को सफेद और लाल गेंद क्रिकेट में बांट दिया जाए। ये कोहली की कप्तानी में भारत के प्रदर्शन और ड्रेसिंग रूम के माहौल पर सबसे ज्यादा निर्भर करेगा।