कोहली ने थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट रघु को दिया श्रेय-
अब भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इसके पीछे थ्रोडाउन विशेषज्ञ डी राघवेंद्र (रघु) की भूमिका बताई है। राघवेंद्र की गति तेज करने की क्षमता 150-155 किमी प्रति घंटे से अधिक है, जिसने हाल के वर्षों में तेज गेंदबाजी के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों के सुधार में बहुत योगदान दिया, कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया।
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ऐसे फायदा पहुंचाती है थ्रोडाउन तकनीक-
थ्रोडाउन में एक क्रिकेट उपकरण को एक लंबे चम्मच की तरह आकार दिया जाता है, जिसको हाथ में पकड़कर उसकी सहायता से गेंद फेंकी जाती है। उसके दो फायदे होते हैं- एक तो लीवरेज बढ़ने से गेंद बहुत तेज गति से निकलती है, दूसरे उछाल भी अच्छा मिलता है। यह दोनों चीजें विदेशी पिचों पर विपक्षी गेंदबाजों को खेलने के काफी काम आती हैं।
बांग्लादेश के स्टार तमीम इकबाल के साथ एक इंस्टाग्राम लाइव सत्र के दौरान कोहली ने कहा, "मेरा मानना है कि 2013 के बाद से तेज गेंदबाजी करते हुए इस टीम ने सुधार दिखाया है।"
टीम के अहम स्टॉफ सदस्य बन चुके हैं रघु-
उन्होंने कहा, खिलाड़ियों के पास फुटवर्क, बल्लेबाजी की अच्छी अवधारणाएं हैं। उन्होंने अपने कौशल में इतना सुधार किया है क्योंकि वह रघु आसानी से 155 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं।
कोहली ने कहा, "रघु को नेट्स में खेलने के बाद, जब आप मैच में जाते हैं, तो आपको लगता है कि बहुत समय है।" यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि राघवेंद्र अब वर्षों से भारतीय क्रिकेट टीम के सहयोगी स्टाफ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं।