नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट सीरीज बचाना बड़ा चैलैंज बन चुका है। टीम ने न्यूजीलैंड दाैरे की शुरूआत तो 5-0 से टी20 सीरीज जीतते हुए की थी लेकिन वनडे सीरीज गंवाने के बाद अब उन्हें टेस्ट सीरीज बचाना भी मुश्किल हो गया है। कीवी बल्लेबाजों ने पहले टेस्ट में भारत पर 10 विकेट से जीत दर्ज कर 2 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। वेलिंगटन में हुए मुकाबले में जहां गेंदबाज भी असफल दिखे तो बल्लेबाज भी कुछ खास नहीं कर सके। टीम के प्रदर्शन पर कप्तान विराट कोहली का गुस्सा साफ दिख रहा है। ऐसे में उन्होंने दूसरे टेस्टे से पहले भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा पर ही निशाना साधते हुए साफ कह दिया कि डिफेंस नहीं...रन बनाना जरूरी है।
कोहली ने कहा, ''मुझे लगता है कि बल्लेबाजी इकाई के तौर पर हम जिस भाषा का उपयोग करते हैं, उसे सही करना होगा। मुझे नहीं लगता कि सतर्क होने या बेहद सावधानी बरतने से मदद मिलेगी क्योंकि ऐसे में हो सकता है कि आप अपने शॉट नहीं खेल पाओ। ऐसे में डिफेंस नहीं बल्कि रन बनाना जरूरी है।'' बता दें कि पुजारा ने बेहद धीमी बल्लेबाजी की थी। पुजारा ने पहली पारी में 42 गेंदों में 11 रन बनाए थे तो दूसरी पारी में 81 गेंदें खेलकर 11 रन बनाए थे। पुजारा ने बीच में 28 गेंद तक एक भी रन नहीं बनाया और ऐसे में दूसरे छोर पर खड़े मयंक अग्रवाल को ढीले शॉट खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। पुजारा के अलावा हनुमा विहारी ने भी दूसरी पारी में 79 गेंदें खेलीं और 15 रन बनाए।
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चेतेश्वर पुजारा पर कोहली का बोलना यहां ही नहीं थमा। उन्होंने आगे कहा कि आपके अंदर शक पैदा होगा, अगर इन परिस्थितियों में आप एक भी रन नहीं ले पा रहे तो आप क्या करोगे? आप केवल यह इंतजार कर रहे हो कि कब वह अच्छी गेंद आएगी जो आपका विकेट ले लेगी।'' कोहली ने कहा, ''मैं परिस्थितियों का आकलन करता हूं, अगर मैं देखता हूं विकेट पर घास है तो मैं अटैकिंग मोड में हो जाता हूं, ताकि मैं अपनी टीम को आगे ले जा सकूं।'' कोहली ने कहा, ''अगर आप सफल नहीं होते, तो आपको यह स्वीकार करना होगा कि आपकी सोच सही थी आपने कोशिश की, लेकिन अगर इससे फायदा नहीं मिला तो उसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है।'' बता दें कि कोहली हमेशा विरोधी टीम पर हावी होने में विश्वास रखते हैं ना कि दवाब में आकर खेलते हैं।