नई दिल्ली। 2019 विश्वकप के सेमीफाइनल में भारत का न्यूजीलैंड से टकराना एक ऐतिहासिक घटना है। 11 साल पहले भी एक विश्वकप में इन दोनों देशों की भिड़ंत हो चुकी है। तब कप्तान भी विराट कोहली और केन विलियमसन ही थे। इस मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को हराया था और फाइनल में पहुंच कर खिताबी जीत भी हासिल की थी। अब मैनचेस्टर मैच के पहले विरोट कोहली ने कहा है कि 11 साल बाद मैं विलियमसन को याद दिलाऊंगा कि कैसे उस सेमीफाइनल में मात दी थी। कोहली ने मैच से पहले ही माइंड गेम खेल दिया है।
वक्त बदला, मुकाम बदला लेकिन चेहरे नहीं बदले
क्रिकेट इतिहास का ये दुर्लभ संयोग है। 2008 का अंडर-19 विश्वकप क्रिकेट मलेशिया में खेला गया था। भारत और न्यूजीलैंड की टीम इस प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंची थी। उस समय इंडियन जूनियर टीम के कप्तान विराट कोहली थे। जब कि न्यूजीलैंड की कमान केन विलियमसन के हाथ में थी। अब इत्तेफाक देखिए कि ये दोनों खिलाड़ी अपने-अपने देश की राष्ट्रीय टीम का कप्तान हो चुके हैं। इनकी कप्तानी में दोनों देश एक बार फिर विश्वकप के सेमीफाइनल में हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि इस बार जूनियर नहीं सीनियर विश्वकप का मुकाबला है। जूनियर विश्वकप के कप्तान 11 साल बाद फिर सीनियर विश्वकप के सेमीफाइनल में आमने सामने हैं, ये ऐतिहासिक पल नहीं तो और क्या है ?
11 साल पहले की कहानी में न्यूजीलैंड
2008 में अंडर-19 विश्वकप क्रिकेट प्रतियोगिता मलेशिया में खेली गयी थी। सेमीफाइनल का मुकाबला क्वालालम्पुर में खेला गया था। न्यूजीलैंड के कप्तान विलियमसन ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी की। विलियमसन ने 37 और कोरी एंडरसन ने 70 रन बनाये। (ये वही एंडरसन हैं जिन्होंने वनडे में 36 गेंदों पर सेंचुरी लगा कर तहलका मचाया था।) भारत की कसी हुई गेंदबाजी के आगे न्यूजीलैंड की टीम 50 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर केवल 205 रन बना सकी। दिलचस्प बात ये है कि इस प्रतियोगिता में भारत के कप्तान विराट कोहली ऑलराउंडर की हैसियत से खेल रहे थे। उन्होंने 7 ओवरों में एक मेडन रखते हुए 27 रन देकर 2 विकेट लिये थे। विलियमसन को कोहली ने ही आउट किया था। इस मैच में वे भारत के सबसे सफल गेंदबाज थे। रवीन्द्र जडेजा और सिद्धार्थ कौल भी इस टीम का हिस्सा थे। कौल ने 9 ओवर में 43 रन दे कर 2 विकेट लिये थे जब कि जडेजा ने 6 ओवर में एक मेडन रखते हुए 21 रन दे कर एक विकेट लिया था। आज ये जान कर क्या हैरानी नहीं होती कि विराट कोहली कभी शानदार गेंदबाजी भी करते थे।
11 साल पुरानी कहानी में भारत
206 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के लिए भारतीय टीम ने संभल कर खेलना शुरू किया। 40 रन पर दो विकेट गिर गये तो कप्तान विराट कोहली ने श्रीवत्स गोस्वामी के साथ मिल कर पारी को संभाला। गोस्वामी ने 51 रन तो विराट कोहली ने 43 रन बनाये। भारत का स्कोर 41.3 ओवर में जब 7 विकेट पर 191 था तभी बारिश आ गयी। भारत जीत से केवल 15 रन दूर था। आखिर में डकवर्थ लुइस नियम से मैच का फैसला हुआ। भारत को 3 विकेट से विजेता घोषित कर दिया गया। उस समय ट्रेंट वोल्ट और टीम साउदी भी न्यूजीलैंड जूनियर टीम का हिस्सा थे। टीम साउदी ने इस सेमीफाइनल में शानदार गेंदबाजी की थी। उन्होंने 9 ओवरों में 29 रन देकर चार विकेट लिये थे। बोल्ट ने 8 ओवर में एक मेडन रखा और 26 रन देकर एक विकेट लिया था। आज ये दोनों तेज गेंदबाज सीनियर टीम का हिस्सा हैं और 2019 का वर्ल्डकप खेल रहे हैं। जूनियर सेमीफाइनल में बैट और बॉल से शानदार प्रदर्शन करने पर विराट कोहली को मैन ऑफ द मैच चुना गया था। कोहली ने 2019 के मैनचेस्टर सेमीफाइनल के पहले विलियमसन को इसी मैच की याद दिलायी है।
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